विरोध के बाद ढीले पड़े मालदीप के तेवर, अब भारत आना चाहते हैं राष्ट्रपति मुइज्जू

विरोध के बाद ढीले पड़े मालदीप के तेवर, अब भारत आना चाहते हैं राष्ट्रपति मुइज्जू

भारत के कड़े विरोध के बाद मालदीप के तेवर अब ढीले पड़ते नजर हुए नजर आ रहे है। भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारना चाहते है। दोनों देशों के तनातनी के बीच अचानक मालदीप के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू दिल्ली आना चाहते है। मालदीव ने इस महीने के अंत में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा का प्रस्ताव रखा है। मालदीव और भारत के बीच चल रही बयानबाजी के बीच उनकी यात्रा का प्रस्ताव काफी अहम माना जा रहा है। भारत और पीएम मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी के बाद बड़ी संख्या लोग मालदीव जाने वाली फ्लाइर्स को रद्द दिया है। सोशल मीडिया पर भी #BoycottMaldives ट्रेंड चल रहा है।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने पिछले साल नवंबर में पदभार संभाला था। सत्ता में आने के बाद से मुइज्जू अब तक तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और चीन का दौरा कर चुके हैं। यह विदेशी दौरे मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के लिए भारत को पहला विदेशी गंतव्य बनाने की परंपरा से हटकर है। मुइज्जू सरकार के मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर मौजूदा राजनयिक संकट पैदा होने से पहले ही उनकी भारत यात्रा प्रस्तावित थी।

मालदीप के राष्ट्रपति इस समय चीन की एक सप्ताह की यात्रा पर हैं। उन्होंने फ़ुज़ियान प्रांत में ज़ियामेन मुक्त व्यापार क्षेत्र का दौरा किया और चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (सीसीसीसी) के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इसके अलावा प्रमुख चीनी राजनीतिक हस्तियों के साथ बैठकें हुईं, जिनमें सीपीसी फ़ुज़ियान प्रांतीय पार्टी समिति के सचिव झोउ ज़ुयी और सीपीसी फ़ुज़ियान प्रांतीय पार्टी समिति के उप सचिव और फ़ुज़ियान प्रांत के गवर्नर झाओ लांग शामिल थे।

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