पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कल शाम से जारी हाईवोल्टे ज ड्रामा फिलहाल थमता नज़र नहीं आ रहा है. कमिश्न र राजीव कुमार पर सीबीआई की रेड के खिलाफ मुख्यहमंत्री ममता बनर्जी का धरना पूरी रात जारी रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यंक्ष अमित शाह पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए ममता अभी भी एस्प्लेनेड स्थित मंच पर ही डटी हैं. आज ममता बनर्जी के समर्थन में विपक्ष के कई बड़े नेता कोलकाता पहुंचने वाले हैं। वहीं इस मामले में सीबीआई सुप्रीम कोर्ट का रुख करने जा रही है.
रविवार शाम सीबीआई की एक टीम ने चिट फंड घोटाला मामलों में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ के लिए उनके घर पहुंची थी. लेकिन सीबीआई को न तो प्रवेश करने दिया गया, वहीं सीबीआई के अधिकारियों को 2 से 3 घंटे तक हिरासत में भी रखा गया. सीबीआई की कार्रवाई के तुरंत बाद ममता कमिश्न र के आवास पर पहुंच गईं और भाजपा के नेतृत्वक वाली केंद्र सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई कार्रवाई “राजनीतिक रूप से प्रतिशोध वाली” और संवैधानिक मानदंडों पर हमला है. बाद में वह एस्प्लेनेड में धरने पर बैठ गईं.
धरना स्थल से ही करेंगी सदन को संबोधित
जानकारी के मुताबिक, रात भर धरने पर बैठी रहीं ममता सुबह यहीं सड़क पर कैबिनेट मीटिंग बुलाएंगी. ममता फोन से ही विधानसभा सत्र को संबोधित कर सकती हैं, जिसके बाद राज्य का बजट पेश किया जाएगा.
सड़क से लेकर रेल रोक रहे हैं टीएमसी कार्यकर्ता
सीबीआई कार्रवाई के विरोध में टीएमसी कार्यकर्ता भी सड़कों पर हैं. सोमवार सुबह से हुगली के रिसड़ा में टीएमसी कार्यकर्ता रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं. वहीं, आसनसोल में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला जलाया.
कोलकाता कूच करेंगे विपक्ष के नेता
ममता बनर्जी पर सीबीआई का शिकंजा कसते देख विपक्ष भी पूरी तरह एकजुट हो रहा है. आज दिल्लीज के मुख्यकमंत्री अरविंद केजरीवाल कोलकाता जा सकते हैं. इसके अलावा कई बड़े नेताओं के कोलकाता पहुंचने के आसार हैं. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने ममता से फोन पर बात की और उनके प्रति एकजुटता जाहिर की है.
प्रधानमंत्री के हाथ रंगे हैं खून से: ममता
कुमार के आवास के बाहर ममता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के आदेश पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सीबीआई को राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने का निर्देश दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसे प्रधानमंत्री से बात करने में शर्म महसूस होती है जिनके हाथों में खून लगा है.”
मोदी और शाह पर आरोप
ममता ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी और अमित शाह राज्य में तख्तापलट का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि हमने 19 जनवरी को विपक्ष की रैली आयोजित की थी. हम जानते थे कि रैली आयोजित करने के बाद सीबीआई हम पर हमला बोलेगी.’’ वह ब्रिगेड रैली का जिक्र कर रही थीं जिसमें करीब 20 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि सीबीआई की कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध वाली है. उन्होंने पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के आवास के बाहर जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हमारी सरकार ने सत्ता में आने के बाद चिट फंड मालिकों को गिरफ्तार किया. हमने ही मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया.’’
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मता ने कहा कि वे साबित करें कि कुमार चिट फंड घोटाले में शामिल हैं. उन्होंने कहा, “कानून व्यवस्था राज्य का विषय है. हमें आपको (सीबीआई को) सब कुछ क्यों देना चाहिए? उन्हें पुलिस आयुक्त के आवास पर बिना किसी वारंट के आने के लिए इतना दुस्साहस कहां से मिल रहा है?”
क्या है पूरा मामला
पश्चिम बंगाल के चर्चित सारदा चिटफंड मामले की जांच के लपेटे में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार भी आ गए हैं. सीबीआई की एक टीम राजीव कुमार से पूछताछ करने के लिए उनके घर पहुंच गई. मौके पर कोलकाता पुलिस के दो डिप्टी कमिश्नर मौजूद थे. कोलकाता पुलिस के अधिकारी सीबीआई की टीम से कोर्ट का वारंट देखने की मांग कर रहे थे.
इसके बाद सीबीआई टीम शेक्सपीयर सारनी थाने गई. कोलकाता के कमिश्नर का घर इसी थाने के तहत पड़ता है. सीबीआई का ये एक्शन ऐसे वक्त में हुआ है जब कोलकाता पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था कि पुलिस कमिश्नर सीबीआई जांच के दायरे में हैं. यहां तक कोलकाता पुलिस ने ऐसी खबरें चलाने को लेकर मीडिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी थी.
बता दें कि ये राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील मामला है. शनिवार को जब मीडिया में खबर आई कि चिटफंड घोटाले के मामले में सीबीआई को कोलकाता पुलिस कमिश्नर की तलाश है तो इस मामले में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी कूद पड़ीं.
ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर दुनिया के सबसे अच्छे ऑफिसर हैं. ममता ने ट्वीट किया, “उनकी ईमानदारी और बहादुरी सवालों से परे है, वह दिन रात काम कर रहे हैं और वह हाल ही में एक दिन की छुट्टी पर थे.”
बीजेपी नेतृत्व पर भड़कते हुए ममता ने कहा कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व घटिया किस्म की बदले की राजनीति कर रहा है, ना सिर्फ राजनीतिक पार्टियां उनके निशाने पर है बल्कि वे लोग पुलिस को भी टारगेट कर रहे हैं इस तरह वे पूरी संस्था को बर्बाद करना चाहते हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं.
पुलिस कमिश्नर की ईमानदारी सवालों से परेः ममता
ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर दुनिया के सबसे अच्छे ऑफिसर हैं. ममता ने ट्वीट किया, “उनकी ईमानदारी और बहादुरी सवालों से परे है, वह दिन रात काम कर रहे हैं और वह हाल ही में एक दिन की छुट्टी पर थे.”
बीजेपी नेतृत्व पर भड़कते हुए ममता ट्विट कर आगे कहा कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व घटिया किस्म की बदले की राजनीति कर रहा है, ना सिर्फ राजनीतिक पार्टियां उनके निशाने पर है बल्कि वे लोग पुलिस को भी टारगेट कर रहे हैं इस तरह वे पूरी संस्था को बर्बाद करना चाहते हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं. इसके बाद ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई.
आखिर कौन हैं राजीव कुमार
कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को ममता बनर्जी का बेहद भरोसेमंद माना जाता है. उनको साल 2016 में सुरजीत कर पुरकायस्थ की जगह कोलकाता का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था. साथ ही पुरकायस्थ को प्रमोट करके सीआईडी डिपार्टमेंट भेज दिया गया था. इससे पहले राजीव कुमार विधाननगर पुलिस कमिश्नरी में बतौर पुलिस कमिश्नर तैनात रह चुके हैं.
राजीव कुमार 1989 बैच के पश्चिम बंगाल कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी हैं. वो कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) चीफ के रूप में भी काम कर चुके हैं. राजीव कुमार ने शारदा और रोज वैली चिटफंड घोटाला मामले की जांच करने वाली स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) का भी नेतृत्व किया था. यह चिटफंड घोटाला साल 2013 में सामने आया था.
सीबीआई ने इस मामले के कई अहम दस्तावेजों के कथित तौर पर गायब होने पर राजीव कुमार और अन्य अधिकारियों से जांच में सहयोग करने को कहा था, लेकिन वो सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए. आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शारदा और रोज वैली चिटफंड घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के कई नेता भी आरोपी हैं. इस मामले में कई टीएमसी नेताओं को जेल भी भेजा जा चुका है.
क्या है शारदा चिटफंड
साल 2013 में देश की सुर्खियों में आए सारदा घोटाले में 10 हजार करोड़ रुपये की जालसाजी का आरोप है. जिसके मुताबिक सारदा चिटफंड ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुदीप्त सेन ने कई स्कीमों के जरिए बंगाल और उड़िसा के करीब 14 लाख निवेशकों से पैसा जुटाया और उन्हें ठगा. ईडी अब तक सारदा की छह संपत्तियों की कुर्की कर चुका है, जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपये है. एक्टर से राजनीतिज्ञ बने तृणमूल कांग्रेस के सांसद मिथुन चक्रवर्ती ब्रांड एंबेस्डर के तौर पर सारदा कंपनी से लिए गए 1.20 करोड़ रुपये पहले ही ईडी को सौंप चुके हैं.