मणिपुर में जुलाई में गायब हुए दो छात्रों की हत्या के बाद इंफाल घाटी में एक बार फिर हिंसा की आग सुलग गई है। गुरुवार को इंफाल पश्चिमी डीसी के दफ्तर में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उपद्रव किया और दो वाहनों को आग के हवाले कर दिया। आधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।
अधिकारियों के मुताबिक, बीती रात को प्रदर्शनकारी उरीपोक, याइस्कुल, सागोलबंद और तेरा इलाकों में सुरक्षाकर्मियों से भीड गए। जिसके बाद उपद्रवियों को काबू करने के लिए कई राउंड आंसू गैसे के गोले दागने पड़े। अधिकारियों ने आगे बताया कि प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों के आवासीय इलाके में पहुंच गए और आगजनी करने लगे। हालांकि सीआरपीएफ के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को काबू पा लिया।
बता दें कि बीते 3 मई से मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक प्रदर्शन शुरू हुआ था। जिसके बाद प्रशासन ने इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया था। 23 सितंबर को घाटी में एक बार फिर इंटरनेट सेवा बहाल की गई, जिसके बाद जुलाई में गायब हुए दो छात्रों की हत्या की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगीं। गायब हुए दोनों छात्रों का संबंध मैतई समुदाय से है।
इसमें से एक 17 वर्षीय हिजाम लिनथोइंगंबी और दूसरा 20 साल के फिजाम हेमजीत का शव है। जिसके बाद एक फिर हिंसा की आग भड़क गई। राज्य शांति व्यवस्था को कायम करने और गलत सूचना का प्रसार को रोकने के लिए (26 सितंबर) से पांच दिनों के लिए एक बार फिर इंटरनेट सर्विस सस्पेंड कर दी गई है। रविवार 1 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 45 मिनट तक राज्य में इंटरनेट बैन रहेगा।
इसके अलावा राज्य के सभी स्कूलों को भी तीन दिनों तक बंद करने के निर्देश दए गए थे। बिरेन सरकार ने ऐलान किया था कि बुधवार 27 और 29 सितंबर को स्कूल में छुट्टी रहेगी। वहीं ईद ए मिलाद के कारण 28 सितंबर को पहले से ही छुट्टी निर्धारित है।