भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार रात अचानक अपनी स्थिति बिगड़ने के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर ने न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे दुनिया में शोक की लहर दौड़ा दी। डॉ. सिंह का योगदान भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में था, और उन्होंने देश को न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी मजबूत किया। उनके निधन के बाद भारत और विदेशों से ढेर सारी प्रतिक्रियाएँ सामने आईं, जिसमें सभी ने उनकी विरासत और नेतृत्व की सराहना की।
भारत में शोक की लहर
भारत में उनके निधन के बाद प्रमुख नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “डॉ. मनमोहन सिंह ने हमारे देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया। उनके निधन से हम सभी ने एक महान नेता को खो दिया है।” कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा, “उनकी नेतृत्व शैली हमेशा प्रेरणादायक रहेगी।” इसके अलावा कई अन्य नेताओं और भारतीय नागरिकों ने भी शोक व्यक्त किया और डॉ. मनमोहन सिंह की कार्यशैली और योगदान को याद किया।
बांग्लादेश और पाकिस्तान की मीडिया की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश के प्रमुख अंग्रेजी अखबार ढाका ट्रिब्यून ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर लिखा कि वे 1990 के दशक में भारत के आर्थिक सुधारों के प्रमुख नेता थे। उन्होंने अमेरिका के साथ एक ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसने भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को सशक्त किया। ढाका ट्रिब्यून ने उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में सराहा।
वहीं पाकिस्तान के अखबार डॉन ने भी डॉ. मनमोहन सिंह की शांत स्वभाव की तारीफ की। अखबार ने उन्हें भारत के सबसे सफल नेताओं में से एक बताया और कहा कि उनके नेतृत्व में भारत ने अभूतपूर्व आर्थिक विकास हासिल किया और करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। डॉन ने लिखा कि उनका योगदान सिर्फ भारत तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ब्रिटिश मीडिया की नजर में डॉ. मनमोहन सिंह
ब्रिटिश मीडिया में भी डॉ. मनमोहन सिंह के निधन को प्रमुखता से कवर किया गया। बीबीसी ने रिपोर्ट किया कि वे भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्रियों में से एक थे और उनकी आर्थिक सुधारों की दिशा ने भारत को वैश्विक महाशक्ति बनने में मदद की।
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने भी उनकी नीतियों की सराहना की और कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह को भारत के सबसे सफल नेताओं में से एक माना जाता है। रॉयटर्स ने उन्हें एक मृदुभाषी और शांत स्वभाव के नेता के रूप में प्रस्तुत किया और उनके योगदान को विशेष रूप से भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और गरीबी उन्मूलन के संदर्भ में महत्वपूर्ण बताया।
ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ ने भी उनके योगदान पर प्रकाश डाला। गार्जियन ने लिखा कि डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान भारत ने बड़ी आर्थिक वृद्धि देखी और उन्होंने लाखों भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला। साथ ही, वे भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री थे और उनकी पहचान उनके आसमानी नीले पगड़ी और सफेद कुर्ते-पायजामे के लिए भी थी।
अल जज़ीरा का दृष्टिकोण
क़तरी ब्रॉडकास्टर अल जज़ीरा ने भी डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उन्हें 1990 के दशक में भारत के आर्थिक सुधारों के प्रमुख व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया। अल जज़ीरा ने उन्हें ‘सौम्य स्वभाव वाले टेक्नोक्रेट’ के रूप में पहचाना और कहा कि वे भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्रियों में से एक थे। उनका कार्यकाल भारतीय राजनीति में याद किया जाएगा, खासकर उनके द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों के लिए।
अमेरिकी मीडिया की प्रतिक्रिया
अमेरिका की प्रमुख मीडिया एजेंसी NPR ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर कहा कि वे एक महान अर्थशास्त्री थे और भारत में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में प्रसिद्ध थे। हालांकि, NPR ने यह भी उल्लेख किया कि कुछ लोग उन्हें एक कमजोर नेता मानते थे, खासकर उनकी अपनी पार्टी कांग्रेस के कुछ सदस्य।
अमेरिका के प्रमुख अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने भी डॉ. मनमोहन सिंह के निधन को प्रमुखता से कवर किया। अखबार ने उन्हें ‘मृदुभाषी और बुद्धिजीवी नेता’ के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि उनकी नीतियों के कारण भारत आज चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने उन्हें भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री के रूप में पहचाना और कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोशिश की थी।
डॉ. मनमोहन सिंह की धरोहर
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके योगदान पर चर्चा जारी है। वे भारत के सबसे प्रभावशाली और सम्मानित नेताओं में से एक थे। उनके कार्यकाल के दौरान देश में जो आर्थिक बदलाव आए, वे आज भी महसूस किए जाते हैं। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी, इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया और कई महत्वपूर्ण सुधारों के माध्यम से भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने का मार्ग प्रशस्त किया।
उनकी शांत और सौम्य नेतृत्व शैली, मृदुभाषिता और कुशलता को सभी ने सराहा। चाहे भारत हो या विदेश, डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत को हमेशा याद किया जाएगा। उनका निधन एक युग के समापन जैसा है, लेकिन उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।