सपा ने मिल्कीपुर उपचुनाव से पहले तीन थानेदारों को हटाने की उठाई मांग, चुनाव में दखल का आरोप

उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में 5 फरवरी को होने जा रहे उपचुनाव ने राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने चुनाव से पहले मिल्कीपुर क्षेत्र के तीन थानेदारों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। सपा का कहना है कि इन थानेदारों का उद्देश्य पार्टी के उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को परेशान करना है, ताकि चुनावी नतीजों में भाजपा को फायदा हो।

सपा ने CEO को भेजा पत्र

समाजवादी पार्टी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को एक पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में पुलिस प्रशासन का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। सपा ने मांग की है कि तीन थाना प्रभारी, जो चुनावी प्रक्रिया में दखल दे रहे हैं, को तुरंत हटाया जाए। इन थानेदारों में कुमारगंज थाना के SHO, इनायत नगर के SHO और खंडासा थाना के SHO शामिल हैं।

आरोपों का क्या है सच?

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने आरोप लगाया है कि इन तीन थानेदारों ने चुनाव के ऐलान के बाद सपा के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए हैं। सपा का कहना है कि पुलिस ने जानबूझकर पार्टी के कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से गिरफ्तार किया और फिर उन्हें बिना किसी कारण के परेशान किया। पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह सारी गतिविधियाँ चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की साजिश का हिस्सा हैं।

सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने भी आरोप लगाया कि पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से हिरासत में लेकर उन्हें दिनभर परेशान किया और फिर देर रात छोड़ दिया। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएँ साफ तौर पर चुनावी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश हैं।

किस थानेदार पर क्या आरोप?

सपा ने इन तीन थानेदारों के खिलाफ आरोपों की लिस्ट पेश की है। कुमारगंज थाना के SHO, इनायत नगर के SHO और खंडासा थाना के SHO पर यह आरोप है कि वे सपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को फर्जी मुकदमों में फंसा रहे हैं और उन्हें मानसिक रूप से दबाव में ला रहे हैं। सपा का कहना है कि इन थानेदारों का काम सिर्फ पुलिसिंग नहीं है, बल्कि वे चुनावी रणनीति का हिस्सा बन चुके हैं और पार्टी के नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।

पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि एक दर्जन से ज्यादा सपा के पदाधिकारी, बूथ अध्यक्ष और सेक्टर प्रभारी इस समय पुलिस द्वारा परेशान किए जा रहे हैं। ये लोग चुनावी प्रक्रिया में पार्टी के लिए काम कर रहे थे और पुलिस उन्हें दबाव डालकर सपा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।

मिल्कीपुर में बीजेपी और सपा के बीच मुकाबला

मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर 5 फरवरी को होने वाला उपचुनाव इस बार काफी दिलचस्प होने वाला है। यहां सपा और बीजेपी के बीच सीधे मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है। बीजेपी ने इस सीट पर चंद्रभानु पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा ने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है।

सपा के लिए यह चुनाव खासा अहम है, क्योंकि पार्टी का दावा है कि बीजेपी इन थानेदारों के माध्यम से सपा को चुनाव में नुकसान पहुंचाना चाहती है। दूसरी ओर, बीजेपी ने पहले से ही चुनावी रणनीति तैयार कर ली है और वे इस सीट को हर हाल में जीतने के लिए जुटी हुई है।

सपा का मुख्य आरोप

समाजवादी पार्टी का मुख्य आरोप यह है कि कुमारगंज, इनायत नगर और खंडासा थाना के थानेदार बीजेपी के पक्ष में काम कर रहे हैं और सपा के उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को परेशान करने के लिए फर्जी मुकदमे दर्ज कर रहे हैं। पार्टी का दावा है कि पुलिस प्रशासन का यह दुरुपयोग चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।

सपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से अपील की है कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाए और इन थानेदारों का तबादला किया जाए, ताकि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से चल सके।

क्या होगा अगला कदम?

सपा की तरफ से उठाए गए इस कदम ने चुनावी माहौल में एक नई हलचल पैदा कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी इस मामले पर क्या कदम उठाते हैं और क्या इन थानेदारों को हटाया जाएगा या नहीं। साथ ही, 5 फरवरी को होने वाले उपचुनाव में दोनों पार्टियों की रणनीति कैसी होगी, यह समय बताएगा।

सपा ने अपने आरोपों को पुख्ता करने के लिए पूरी कोशिश की है और अगर मुख्य निर्वाचन अधिकारी इन थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते, तो सपा के और भी कड़े कदम उठाने की संभावना है।

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