नई दिल्ली। मोदी सरकार के एजेंडे में समान नागरिक संहिता और एक देश-एक चुनाव है। उन्होंने कहा कि एनडीए के सहयोगी दल टीडीपी और जेडीयू पर भरोसा है कि वे इसे लागू करने में साथ देंगे। ये अहम बयान केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दिया है। अर्जुन राम मेघवाल का ये बयान इस मायने में अहम है, क्योंकि इस बार ऐसे कयास लग रहे थे कि खुद के दम पर बहुमत न पाने के कारण बीजेपी की मोदी सरकार अपने संकल्प पत्र में किए गए कई वादे शायद पूरे न कर सके। हालांकि, सहयोगी जेडीयू ने कहा था कि वो यूसीसी के पक्ष में है, लेकिन इसे लागू करने से पहले सभी वर्गों से चर्चा होनी चाहिए।
दरअसल, पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 240 सीट पर ही जीत मिल सकी है। वहीं, एनडीए के सहयोगी चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने 16 और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की जेडीयू ने 12 सीट हासिल की है। इसके अलावा एनडीए का चौथा सबसे बड़ा घटक शिवसेना है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 7 लोकसभा सीट पर जीत मिली है। ऐसे में 2014 और 2019 के बनिस्बत मोदी सरकार इस बार सहयोगी दलों की वजह से केंद्र में सरकार चला रही है। इस वजह से कयास लग रहे थे कि पीएम नरेंद्र मोदी बीजेपी के संकल्प पत्र में घोषित समान नागरिक संहिता और एक देश-एक चुनाव जैसी महत्वाकांक्षी वादों को शायद पूरा न कर सकें।
बता दें कि उत्तराखंड में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने यूसीसी लागू करने का सबसे अहम वादा किया था। बीजेपी के इस एलान पर उसे लगातार दूसरी बार उत्तराखंड के वोटरों ने सत्ता सौंपी थी। सरकार बनते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना द्विवेदी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद 2023 में उत्तराखंड में यूसीसी का बिल पास कराकर उसे लागू किया गया था। इससे पहले भारत में सिर्फ गोवा में ही यूसीसी लागू था। गोवा में पुर्तगाली शासन के दौरान यूसीसी लागू किया गया था।