नई दिल्ली: केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया को जातिगत आधार पर सामाजिक रूप से पिछडे़ लोगों के लिए दलित शब्द का इस्तेमाल न करने को कहा है. मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि “दलित” शब्द के इस्तेमाल के बजाए इसके लिए संवैधानिक शब्द “Schedule caste” का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक आदेश का संदर्भ देते हुए अपने 7 अगस्त को दिए गए आदेश में कहा है कि ये सूचित किया जाता है कि मीडिया को जातिगत आधार पर पिछड़े हुए लोगों के लिए दलित शब्द के इस्तेमाल के बजाए सैंविधानिक रूप से मान्य Schedule Caste जिसका हिंदी अनुवाद ‘अनुसूचित जाति’ है उस शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए और अन्य भाषाओं के लिए इसके अनुवाद का इस्तेमाल करना चाहिए.
हालांकि इसकी अनिवार्यता पर अभी कोई निर्देश नही दिया गया है और न ही ये बताया गया है कि इसके उल्लंघन पर कोई कार्रवाई होगी या नही.
बता दें कि इससे पहले मार्च में मोदी सरकार के सामाजिक कल्याण मंत्रालय ने भी सभी राज्य सरकारों के लिए ऐसा ही ओर्डर जारी किया था जिसमें आधिकारिक सूचनाओं के दौरान दलित की जगह Schedule Caste शब्द का इस्तेमाल करने को कहा गया था.
सरकार के इस सुझाव पर दलित संगठनों के नेताओं ने विरोध जताया है. उनका मानना है कि दलित शब्द ने उनको समाज में एक नई पहचान दिलाई है और इससे वो खुद को मजबूत महसूस करते हैं. खुद मोदी सरकार में समाज कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री रामदास अठावले ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि दलित शब्द से गर्व महसूस होता है.