नई दिल्ली: मॉडर्ना ने अपनी कोरोना वैक्सीन 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों पर भी प्रभावी और सेफ बताया है .कंपनी ने कहा है कि 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों में कोविड -19 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में कोई नई या मेजर सेफ्टी प्रॉब्लम सामने नहीं आई.
अमेरिका और कनाडा ने इस महीने की शुरुआत में फाइजर -बायोएनटेक की वैक्सीन को 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए मंजूरी दी है. मॉडर्ना कहा है कि वह जून की शुरुआत में वैक्सीन की इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के पास अप्लाई करेगी. यदि मॉर्डना की वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो बच्चों के लिए फाइजर –बायोएनटेक टीके के बाद यह दूसरी वैक्सीन होगी.
कंपनी ने 3700 से अधिक 12 से 17 साल के बच्चों को ट्रायल मे शामिल किया. प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चला है कि टीके ने बच्चों में इम्यून प्रोटेक्शन वयस्कों जैसे ही समान लक्षणों को ट्रिगर किया और उसी तरह के टेम्परेरी साइड इफैक्ट जैसे कि गले में खराश, सिरदर्द और थकान सामने आए. जिन बच्चों को वैक्सीन की दोनों डोज दी गई उनमें कोरोना के लक्षण सामने नहीं आए. कंपनी ने यह भी कहा कि पहली डोज के दो सप्ताह बाद वैक्सीन 93 फीसदी प्रभावी रही.
कोविड -19 से संक्रमित होने वाले ज्यादातर बच्चों में केवल हल्के लक्षण होते हैं या कोई लक्षण नहीं होते हैं. फिर भी बच्चों के गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा बना रहता है. कंपनी ने कहा है कि शोधकर्ताओं को कोई नया सेफ्टी इश्यू नहीं मिला. दूसरी डोज देने के बाद कॉमन साइड इफेक्ट सिरदर्द, थकान, शरीर में दर्द और ठंड लगना थे. गौरतलब है कि अमेरिका में मंजूरी मिलने के बाद बड़ी संख्या में बच्चे फाइजर की वैक्सीन लगवा रहे हैं.