मोदी सरकार ने किसानों को दी राहत, पीएम फसल बीमा योजना और डीएपी पर नई सब्सिडी का ऐलान

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों से किसानों को फायदा पहुंचाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में कुछ अहम बदलाव भी किए गए हैं। इन फैसलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का आवंटन बढ़ाना, डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) पर अतिरिक्त सब्सिडी देना और कृषि में तकनीकी सुधार की दिशा में कदम उठाना शामिल है। आइए जानते हैं इन फैसलों के बारे में विस्तार से।
फसल बीमा योजना का बजट बढ़ा
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत आवंटन में 69,515 करोड़ रुपये का बड़ा इजाफा किया है। अब इस योजना को 2025-26 तक जारी रखा जाएगा। सरकार ने इसके लिए 2021-22 से लेकर 2025-26 तक कुल 69,515.71 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया है। इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और अन्य अनियंत्रित जोखिमों से अपनी फसलों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, योजना में अब टेक्नोलॉजी का उपयोग भी बढ़ाया जाएगा, ताकि किसानों के दावों की निपटान प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके और पारदर्शिता बनी रहे। सरकार ने इस योजना के लिए एक नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (FAT) भी बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों की मदद के लिए नए शोध और टेक्नोलॉजिकल पहलें सामने आएंगी। इससे योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद मिलेगी और किसानों को डिजिटल प्लेटफार्मों के जरिए त्वरित सेवा मिल सकेगी।
डीएपी पर अतिरिक्त सब्सिडी का ऐलान
कृषि में उर्वरकों की महंगाई को लेकर एक अहम फैसला लिया गया। सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) उर्वरक पर एक अतिरिक्त विशेष पैकेज का ऐलान किया है। इससे किसानों को सस्ती कीमत पर डीएपी उर्वरक मिलने की उम्मीद है। वर्तमान में डीएपी का एक बैग 50 किलो के पैक में लगभग 3000 रुपये का होता है, लेकिन सरकार ने इसे किसानों को 1350 रुपये में देने का फैसला किया है। इसका मतलब यह हुआ कि किसानों को डीएपी पर 1650 रुपये का लाभ होगा, जबकि बाकी का अतिरिक्त खर्च सरकार उठाएगी। इसके लिए 3,850 करोड़ रुपये की एकमुश्त सब्सिडी का भी ऐलान किया गया है।
डीएपी उर्वरक पर सरकार का यह कदम वैश्विक बाजारों में हो रहे उतार-चढ़ाव के बावजूद किसानों को राहत देने वाला साबित होगा। हाल के समय में वैश्विक बाजारों में उर्वरकों की कीमतों में अस्थिरता रही है, लेकिन सरकार के इस कदम से इसका असर भारतीय किसानों पर नहीं पड़ेगा। खासतौर से, वैश्विक स्तर पर डीएपी की कीमतें बढ़ने से भी भारत में इसकी कीमत स्थिर रहेगी, क्योंकि सरकार अतिरिक्त सब्सिडी देगी।
आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में कदम
इससे पहले पीएम मोदी ने 2014 में सरकार बनने के बाद कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। इन कदमों का मकसद किसानों के लिए खेती को आसान बनाना और कृषि क्षेत्र में सुधार करना है। सरकार ने उर्वरक सब्सिडी में भारी वृद्धि की है। 2014 से लेकर 2023 तक उर्वरक सब्सिडी में 1.9 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, जो 2004 से 2014 तक की तुलना में दोगुना है। इसका सीधा असर किसानों की जेब पर पड़ा है और उन्हें सस्ती दरों पर उर्वरक मिल सका है।
समुद्री मार्गों की असुरक्षा से बचाव
कैबिनेट की बैठक में एक और अहम मुद्दे पर चर्चा की गई। समुद्री मार्गों की असुरक्षा, खासतौर से रेड सी जैसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर संघर्षों के कारण उर्वरक की आपूर्ति में विघ्न आ रहा था। इसके मद्देनजर सरकार ने फैसला लिया है कि इस असुरक्षा को खत्म करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। डीएपी की सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया गया है, ताकि किसानों को निरंतर उर्वरक की उपलब्धता मिल सके।
कृषि क्षेत्र में तकनीकी सुधार
प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में लगातार काम किया है। नए टेक्नोलॉजी को किसानों तक पहुंचाने, फसल बीमा योजना को बढ़ावा देने और उर्वरक की आपूर्ति में सुधार के साथ कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। किसानों को अब स्मार्ट और टेक्नोलॉजी-आधारित समाधान मिलेंगे, जिससे उनका कृषि व्यवसाय अधिक फायदे में रहेगा और उत्पादन की लागत में कमी आएगी।

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