नई दिल्ली। अब 2019 के लोकसभा चुनाव में हर कोई जुट गया है। हर एक पार्टी अपनी मौजूदगी दर्शाने के लिए कुछ ना कुछ नया करने को तैयार है। कोई नई स्कीम लेकर आ रहा है कोई प्रावधान लाने की बात कह रहा है, कोई आरक्षण देगा तो कोई मकान देगा। जी हां मोदी सरकार ने एक और नया फैसला लेने का मन बनाया है। चुनाव से पहले मोदी सरकार अपने देशवासियों को एक और तोहफा देना चाहती है। मोदी सरकार चुनाव से पहले सभी को सस्ता घर देना चाहती है। हालांकि मोदी सरकार की कुछ फैसलों से रियल एस्टेट सेक्टर में मकान की कीमतों में गिरावट जरूर आई है। मोदी सरकार के इस फैसले से उन लोगों को खासतौर से फायदा होगा जो मकान खरीदने की सोच रहे हैं।
जीएसटी काउंसिल की बैठक
जीएसटी वस्तु एवं सेवा कर काउंसिल की बैठक 20 फरवरी को होने की उम्मीद है। इस बैठक में मंत्रियों के समूह द्वारा निर्माणाधीन मकानों पर पांच फ़ीसदी जीएसटी जीएसटी लगाने की सिफारिश की जा रही है। इसका मतलब यह बनता है कि पहले की तुलना में घर खरीदना और भी आसान और सस्ता हो जाएगा। बैठक के फायदे से घटाकर किया जाएगा फिर से परिभाषित किया जाएगा। फिलहाल 50 वर्ग मीटर को माना जाता रहा है अब 80 वर्ग मीटर किया जा सकता है। होने वाली बैठक के इस फैसले से हजारों रुपए का नुकसान होगा। लेकिन सरकार चुनाव नजदीक आते देख यह भी हथकंडा इस्तेमाल करना चाहती है।
अब देखना यह है कि दरों में कटौती का लाभ लोगों तक पहुंच पाता है या नहीं। इसी बात को सरकार भी सुनिश्चित करना चाहती है। सारी बातों पर गौर करते हुए यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मोदी सरकार आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं उठाना चाहती है। मोदी सरकार ने नोट बंदी का नाम लेते हुए कहा कि नोटबंदी से क्षेत्र में काले धन पर अंकुश लगा है। गरीबों की दुआएं देते हुए मोदी सरकार ने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार गरीबों के लिए सरकार है। अब निष्कर्ष निकालना यह बाकी है कि क्या वाकई में 2022 तक सभी के लिए घर बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य सरकार पूरा कर पाएगी।