श्रीनगर: पुलवामा हमले के बाद से मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. चार अलगाववादी नेताओं के बाद सरकार ने बुधवार को 18 और अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है. इसके अलावा जम्मू और कश्मीर के 155 राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा में भी बदलाव किया गया है. गृह मंत्रालय की तरफ से सुरक्षा हटाए जाने या कम करने को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई है. पिछले चार दिनों में सरकार 23 अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ले चुकी है.
मोदी सरकार की इस कार्रवाई के बाद अब सभी 22 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटा ली गई है. जिन नेताओं की सुरक्षा हटाई गई है, उनमें एसएएस गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शहीद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सैयद अबुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसद्दिक भट शामिल है.
Among the leaders whose security has been downgraded & withdrawn by J&K govt are SAS Geelani, Aga Syed Mosvi, Maulvi Abbas Ansari, Yaseen Malik, Saleem Geelani, Shahid ul Islam, Zaffar Akbar Bhat, Nayeem Ahmed Khan, Mukhtar Ahmad Waza,
— ANI (@ANI) February 20, 2019
155 राजनीतिक लोगों की सुरक्षा हटाई
मोदी सरकार ने आईएएस से इस्तीफा देने वाले शाह फैसल और पीडीपी नेता वाहिद पररे समेत 155 राजनीतिक लोगों तथा समाजसेवियों की सुरक्षा हटा ली है. खबरों की माने तो इन्हें मिल सुरक्षा की जांच के दौरान यह पाया गया कि अब उनकी गतिविधियों और धमकियों के मद्देनजर दी गई सुरक्षा की अब जरूरत नहीं रह गई है. जिसके आधार पर उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई.
इससे पहले सरकार ने चार हुर्रियत नेताओं मीरवाइज उमर फारूक, अब्दुल गनी बट्ट, बिलाल लोन, शब्बीर शाह की सुरक्षा वापस ली थी. एक अनुमान के मुताबिक इन नेताओं की सुरक्षा पर सरकार ने अभी तक करीब 15 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
आपको बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में सुरक्षा बलों के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के बाद सबसे पहले हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाए जाने की मांग उठी. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हम अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा करेंगे.