नई दिल्ली। विपक्षी सांसदों के आईफोन पर राज्य प्रायोजित हैकिंग का मैसेज आने के मामले में केंद्र सरकार के आईटी मंत्रालय ने इस फोन को बनाने वाली अमेरिका की कंपनी एप्पल को नोटिस भेजा है। एप्पल को भेजे नोटिस में आईटी मंत्रालय ने पूछा है कि वो बताए कि आखिर कैसे आप इस नतीजे पर पहुंचे कि ये राज्य प्रायोजित हैकिंग का मसला है। इस मामले में सरकार ने जांच बिठा दी है। सरकारी संस्थान CERT इस मामले की जांच कर रहा है। सीईआरटी ने पहले भी एप्पल के फोन इस्तेमाल करने वालों को चेतावनी दी थी कि वे कंपनी की तरफ से भेजे जाने वाले सभी अपडेट्स कर लें। अब विपक्षी सांसदों की तरफ से राज्य प्रायोजित हैकिंग की कोशिश का आरोप लगाने के बाद मोदी सरकार ने एप्पल पर रुख कड़ा कर लिया है। इससे कंपनी की दिक्कत बढ़ सकती है।
सबसे पहले एप्पल की तरफ से राज्य प्रायोजित हैकिंग का नोटिफिकेशन आने का आरोप टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने लगाया था। इसके बाद उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ऐसे ही नोटिफिकेशन आने का दावा किया था। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी कहा था कि उनको नोटिफिकेशन मिला है। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी राज्य प्रायोजित हैकिंग की कोशिश का आरोप मोदी सरकार पर लगाया था।
इसके बाद आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सिर्फ भारत में नहीं, दुनिया के 150 देशों में लोगों को एप्पल की तरफ से ऐसे ही नोटिफिकेशन आए हैं। उन्होंने जांच बिठाने की बात भी कही थी। इसके बाद अब एप्पल से मोदी सरकार ने सवाल पूछा है कि वो राज्य प्रायोजित हैकिंग संबंधी नोटिफिकेशन भेजने की वजह बताए।
Interesting thread that draws link between George Soros funded ‘Access Now’ and Apple notifications, supposedly received only by Opposition leaders. It is therefore no surprise that Rahul Gandhi dropped everything and rushed to hold a press conference. See the sinister plot here? https://t.co/VORNt0jV5v
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 1, 2023
उधर, एक एक्स यूजर ने दावा किया था कि दुनियाभर में सरकारों के खिलाफ एनजीओ और अन्य लोगों के जरिए अभियान चलवाने के आरोपों का सामना करने वाले अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस का भी इस मामले से लेना-देना है। इस एक्स यूजर ने एप्पल की तरफ से भेजे गए नोटिफिकेशन में एक एनजीओ का नाम होने और सोरोस से इस एनजीओ के संबंध को आधार बनाकर ये आरोप लगाया था। इस पर बीजेपी ने सोरोस का नाम लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को निशाने पर लिया था। राहुल गांधी ने नोटिफिकेशन मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला था।