अब कहावत नहीं हकीकत है….आखिर मिल गया ‘चांद का टुकड़ा’!

राजसत्ता एक्सप्रेस। हिंदी फिल्मों में अक्सर आपने ये डॉयलॉग सुना होगा, ‘मैं तुम्हारे लिए चांद-तारे तोड़कर ला सकता हूं।’ अगर आपसे हकीकत में भी किसी ने चांद का टुकड़ा मांगा है, तो आप उसे ये गिफ्ट दे सकते हैं। अगर आपको हमारी कही ये बात मजाक लगती है, तो आप बिल्कुल गलत हैं, क्योंकि ये शत प्रतिशत सच है। जी हां, अगर आपको भी चांद के टुकड़े की चाहत है, तो इसके लिए केवल और केवल आपकी जेब में अच्छी रकम होनी चाहिए। दरअसल, लंदन में चांद के इस टुकड़े की नीलामी होने वाली है। आप भी उस नीलामी का हिस्सा बन सकते हैं, बस जेब में मोटी रकम हो।

आइए अब हम आपको बताते हैं चांद के इस खूबसूरत पत्थर से जुड़ी तमाम अहम जानकारी। वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी एस्टेरॉयड या धूमकेतु ने चांद पर टक्कर मारी होगी, जिससे चांद का एक टुकड़ा टूट गया, जो अंतरिक्ष में तेजी से निकला होगा और धरती पर जा गिरा। ये टुकड़ा अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में मिला था। चांद के इस टुकड़े का वजन करीब 13.5 किलोग्राम बताया जा रहा है। ब्रिटेन का नीलामीघर क्रिस्टी द्वारा इसकी नीलामी की जा रही है। नीलामी की शुरुआती कीमत 2.5 मिलियन डॉलर रखी गई है। भारतीय मु्द्रा में करीब 19 करोड़ रुपये।

पांचवां सबसे बड़ा टुकड़ा

चांद के इस टुकड़े का नाम NWA 12691 है, जो की पृथ्वी पर पाया गया चांद का अबतक का पांचवां सबसे बड़ा टुकड़ा है। बता दें कि मौजूदा वक्त में धरती पर 650 किलोग्राम चांद के टुकड़े हैं, जिनमें ये टुकड़ा भी शामिल है। इस टुकड़े का आकार फुटबॉल के बराबर है।

क्रिस्टी के विज्ञान और प्राकृतिक इतिहास के प्रमुख जेम्स हिसलोप का कहना है कि ये मौका है आपको हाथों में एक ऐसा टुकड़ा रखने का, जिसे आप कभी भूल नहीं पाएंगे। उन्होंने बताया कि ये चांद का वास्तविक टुकड़ा है, जो कि इंसान के सिर से कुछ बड़ा है।

अबतक 30 से ज्यादा टुकड़े मिले

इसके साथ जो चांद के अन्य टुकड़े धरती पर गिरे थे, वो सहारा रेगिस्तान, अल्जीरिया में पाए गए। पृथ्वी पर अबतक चांद के 30 से ज्यादा टुकड़े पाए जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि ज्यादातर टुकड़े क्लासीफाइड हैं। जिसका मतलब है कि किसी को भी इन टुकड़ों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इस दौरान जांच में ये बात सामने आई है कि जिस टुकड़े की नीलामी हो रही है, वो चांद का असली टुकड़ा है। ये टुकड़ा अमेरिका स्पेस एजेंसी नासा के अपोलो मिशन के तहत चंद्रमा से लाए गए पत्थरों से काफी अलग और वजनी है। कहा जा रहा है कि धरती पर जो चांद का टुकड़ा सहारा रेगिस्तान में कभी गिरा था, वो 26 हजार किलोग्राम का था। इसके अन्य हिस्से कालाहारी रेगिस्तान में भी पाए गए।

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