जानें 10 बड़े कारण जिसनें शिवराज मामा को बनाया अपराजेय!

लगातार चौथी बार विधानसभा चुनाव जीतकर भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश को अपना अभेद किला बना दिया है। सोशल मीडिया से लेकर जमीन तक विपक्ष के नेता दावा कर रहे थे कि भाजपा मप्र में चुनाव हार रही है। जैसे-जैसे चुनाव के नतीजे सामने आने लगे ये सारी बाती झूठ साबित होने लगी। भाजपा ने न सिर्फ मध्य प्रदेश में चुनाव जीता बल्कि एक बार फिर से ये साबित कर दिया कि वह हवा बदलने में माहिर है। लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था।

1- चुनाव से ठीक पहले मध्य प्रदेश की महिलाओं को DBT के माध्यम से शिवराज सरकार ने 1250 रुपए देने का ऐलान किया और इसकी किस्ते भी जारी कर दी। इसलिए स्कीम से महिलाओं ने भाजपा को एकमुस्त वोट दिया।

2- विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पूरे मध्य प्रदेश को मथ डाला। उन्होंने पूरे मध्य प्रदेश में आक्रामक चुनाव प्रचार किया।

3- विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न सिर्फ अपने योजनाओं का प्रचार किया। बल्कि योजनाओं लाभ होने वाले लोगों से लगातार मिलते रहे।

4- भाजपा मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जमकर हिंदुत्व का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही राज्य सरकार ने पूरे सूबे में हिंदू मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम कराया। इससे भी लोगों के मन में शिवराज सरकार के खिलाफ नाराजगी थोड़ी कम हुई।

5-भाजपा ने सूबे में अपनी जीत को निश्चित करने के लिए बड़े स्तर पर विधायकों का बेरहमी से टिकट काटा। जो विधायक सर्वे में या किसी विवाद में पड़े पार्टी ने चुनाव से पहले उनसे किनारा किया।

6- वहीं, शिवराज सरकार ने अपने सरकार में हुए किसी भी गलती के लिए खुद से डैमेज कंट्रोल को संभाला। सीधी पेशाब कांड के बाद भाजपा बैकफुट पर थी। लेकिन सीएम शिवराज ने समय रहते उसे संभाल लिया।
7- मध्य प्रदेश में लंबे समय मुख्यमंत्री रहने के बावजूद शिवराज सिंह चौहान ने खुद के खिलाफ माहौल नहीं बनने दिया। वहीं, उन्होंने सरकार के सभी योजनाओं को समाज के हर वर्ग को खुद से जोड़ा।

8- वहीं, इस चुनाव में हर बार की तरह ही इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के सबसे बड़े स्टार प्रचारक के तौर पर पूरे राज्य में पार्टी के लिए प्रचार किया। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपने चेहरे के दम पर वोट मांगा।

9-वहीं, इस चुनाव में केेंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति भी काफी कारगर साबित हुई। उन्होंने टिकट बांटने से लेकर चुनाव प्रचार तक की जिम्मेदारी उठा रखी थी।
10- वहीं इस पूरे चुनाव के दौरान कांग्रेस का प्रचार अभियान काफी हद तक गायब रहा। उसने कई मुद्दे को उठाया ही नहीं या उठाया तो बस खाना पूर्ती के लिए।

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