Saturday, March 29, 2025

सांसदों की कमाई 300 गुना, आम आदमी की 700 गुना: 70 साल में कितना बदला हाल?

नई दिल्ली: सांसदों की सैलरी में 24% की बढ़ोतरी ने एक बार फिर चर्चा छेड़ दी है। अब हर सांसद को महीने में 1 लाख की जगह 1.24 लाख रुपये मिलेंगे। यह बदलाव 1 अप्रैल 2023 से लागू हो चुका है। लेकिन क्या आपने सोचा कि आजादी के बाद से सांसदों और आम आदमी की कमाई का ग्राफ कैसे चढ़ा? सांसदों की कमाई 70 साल में 300 गुना बढ़ी, तो आम आदमी की 700 गुना। फिर भी, सांसद आज आम इंसान से 7 गुना ज्यादा कमाते हैं। आइए, इस कमाई की कहानी को खबर की शक्ल में समझते हैं।

सांसदों की नई सैलरी: 1.24 लाख प्लस भत्तों का बोनस

संसदीय कार्य मंत्रालय ने नई अधिसूचना जारी की—सांसदों की सैलरी अब 1.24 लाख रुपये महीना होगी, जो पहले 1 लाख थी। यह बढ़ोतरी कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (CII) के आधार पर हुई, जिसका नियम 2018 में बना था। तब से सैलरी में यह पहला बदलाव है। सैलरी के साथ भत्ते भी चमके हैं। डेली अलाउंस 2,000 से बढ़कर 2,500 रुपये हो गया, निर्वाचन भत्ता 70,000 से 87,000 रुपये, और ऑफिस खर्च 60,000 से 75,000 रुपये। फर्नीचर खरीद की सीमा भी 1 लाख से बढ़कर 1.25 लाख रुपये कर दी गई। पूर्व सांसदों की पेंशन भी 25,000 से 31,000 रुपये हो गई, और हर अतिरिक्त 5 साल के कार्यकाल पर 2,500 रुपये का इजाफा होगा।

 

सैलरी का 400 से 1.24 लाख तक का सफ़र

1954 में जब पहली बार सांसदों की सैलरी तय हुई, तो यह 400 रुपये महीना थी। आज यह 1.24 लाख रुपये तक पहुँच गई—यानी करीब 300 गुना का उछाल। सालाना आधार पर यह 14.88 लाख रुपये बनती है। लेकिन यह सिर्फ सैलरी की बात है। भत्ते और मुफ्त सुविधाएँ—like 34 हवाई यात्राएँ, अनलिमिटेड रेल यात्रा, मुफ्त मकान, बिजली-पानी—जोड़ें, तो असल कमाई 2.81 लाख रुपये महीना तक जाती है। दूसरी ओर, आम आदमी की कमाई 1954 में 25 रुपये महीना थी, जो 2024-25 में 16,680 रुपये हो गई—यानी 700 गुना की छलांग। सालाना यह 2 लाख रुपये है।

सांसद vs आम आदमी: 7 गुना का फर्क

आंकड़े बताते हैं कि सांसदों की कमाई हमेशा आम आदमी से आगे रही। बता दें कि 1954 में सांसद 400 रुपये कमाते थे और आम आदमी 25 रुपए। जबकि आज सांसद की सैलरी 1.24 लाख और आम आदमी की 16,680 रुपय यानी 7 गुना का फासला। भले ही आम आदमी की कमाई ज़्यादा गुना बढ़ी, लेकिन महँगाई और टैक्स ने उसकी जेब खाली कर दी। सांसदों को मुफ्त सुविधाओं का ढेर मिलता है, जिससे उनकी असल कमाई कई गुना बढ़ जाती है। आर्थिक सर्वे 2024-25 के मुताबिक, प्रति व्यक्ति सालाना आय 2 लाख रुपये है, लेकिन सांसद की सालाना सैलरी इसके सात गुने से ज़्यादा है।

वर्ष सांसदों की बेसिक सैलरी (₹) प्रति व्यक्ति आय (₹)
1954 400 24
1964 500 45
1976 750 114
1987 3,250 343
2001 12,000 1,648
2006 16,000 2,810
2010 50,000 4,015
2018 1,00,000 9,602
2023 1,24,000 16,680

(नोट: सांसदों की सैलरी में भत्ते शामिल नहीं हैं।)

Source: Central Govt. Acts / Economic Survey

 

सांसदों को मिलने वाली सुविधाएँ

सैलरी के अलावा सांसदों को सुविधाओं का खजाना मिलता है। साल में 34 मुफ्त हवाई यात्राएँ, अनलिमिटेड रेल यात्रा, और सड़क से सफर पर 16 रुपये प्रति किलोमीटर का भत्ता। दिल्ली में मुफ्त सरकारी बंगला या 2 लाख रुपये महीने का किराया भत्ता। 50,000 यूनिट बिजली और 4 लाख लीटर पानी मुफ्त। लोकसभा सांसदों को 1.5 लाख और राज्यसभा सांसदों को 50,000 मुफ्त कॉल्स। मेडिकल सुविधा भी फ्री—चाहे सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट, मौजूदा और पूर्व सांसदों को भी। ये सारी चीज़ें उनकी कमाई को “सुपरचार्ज” करती हैं।

टैक्स का खेल: भत्ते टैक्स-फ्री

सांसदों को सैलरी पर टैक्स देना पड़ता है, लेकिन भत्तों और सुविधाओं पर नहीं। 14.88 लाख सालाना सैलरी पर नई टैक्स व्यवस्था में करीब 2.5-3 लाख रुपये टैक्स बनता है। आम आदमी की 2 लाख सालाना कमाई पर भी टैक्स नहीं लगता, लेकिन उसकी कमाई का बड़ा हिस्सा रोज़मर्रा की ज़रूरतों में उड़ जाता है। सांसदों की टैक्स-फ्री सुविधाएँ उनकी जेब को और मज़बूत करती हैं।वहीं 70 साल में सांसदों और आम आदमी की कमाई का ग्राफ बदला ज़रूर, लेकिन फर्क अब भी गहरा है। सांसदों की सैलरी बढ़ाना गलत नहीं—महँगाई सबको मारती है। मगर जब आम आदमी की कमाई मुश्किल से 9.5% सालाना बढ़ रही है, और वह भी महँगाई से लड़ते हुए, तो सांसदों का 24% इजाफा सवाल उठाता है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles