उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुलायम परिवार को बड़ा झटका दिया है। आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुलायम परिवार से परिवार से लोहिया ट्रस्ट बिल्डिंग खाली करवाई है। राज्य संपत्ति विभाग ने शुक्रवार को विक्रमादित्य मार्ग स्थित लोहिया ट्रस्ट का बंगला खाली करा लिया। मुलायम सिंह यादव ट्रस्ट के अध्यक्ष और शिवपाल सिंह यादव सचिव हैं।
लोहिया ट्रस्ट की यह बिल्डिंग शिवपाल यादव की पार्टी के कब्जे में थी और पिछले कुछ महीने से इसका बाजार दर पर किराया वसूला जा रहा था। राज्य संपत्ति विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कई शीर्ष नेता ट्रस्ट के सदस्य हैं। राज्य संपत्ति विभाग ने एक्शन लेते हुए कड़ी सुरक्षा के बीच लोहिया ट्रस्ट को कब्जे में लिया। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगला खाली करवाने के आदेश दिए थे।
लोहिया ट्रस्ट में डॉ. राम मनोहर लोहिया की मूर्ति बनी हुई है। उसे बचाने की एक बार भी कोशिश नही की गई। रिटायर आईएएस अधिकारी एसएन शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि, लोहिया ट्रस्ट बंगला नियमों का उल्लंघन करके कब्जा किया गया है। इसी के साथ कई अन्य बंगले भी नियम के खिलाफ आवंटित किए गए हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट और सोसाइटी के अनाधिकृत बंगलों को चार महीने में खाली करने का आदेश दिया था।
बंगला खाली करने के लिए लोहिया ट्रस्ट ने राज्य संपत्ति विभाग से कुछ दिने का समय मांगा था। आवंटन रद्द होने के बाद ट्रस्ट 70 हजार रुपये प्रतिमाह बंगले का किराया दे रहा था। यह किराया बाजार दर से वसूला जा रहा था। लोहिया ट्रस्ट के लिए बंगले का आवंटन एक जनवरी 2017 को नए एक्ट से किया गया था। आवंटन 10 साल के लिए किया गया था जबकि संशोधित एक्ट के मुताबिक बंगला पांच साल के लिए आवंटित किया जा सकता है।