उत्तर प्रदेश के सैफई गांव में 22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव को ‘धरतीपुत्र’ के नाम से जाना जाता है। उनका जीवन संघर्षों और समर्पण से भरा हुआ था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह ने भारत सरकार में रक्षामंत्री की जिम्मेदारी भी निभाई। वह केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि समाजवादी विचारधारा के एक प्रबल प्रवर्तक और समाज सेवा के लिए समर्पित नेता थे।
शिक्षा और शुरूआत
मुलायम सिंह का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता श्री सुघऱ सिंह साहसी और मेहनती व्यक्ति थे, जिनकी जीविका का मुख्य साधन खेती और पशुपालन था। उनकी मां श्रीमती मूर्ति देवी गाँव के लोगों की मदद करती थीं, जिन्हें गाँववाले सम्मान से ‘अम्मा’ कहते थे।
मुलायम सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव से ही प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1958 में मैट्रिक की परीक्षा पास की और फिर 1960 में जैन इण्टर कॉलेज, करहल से इंटरमीडिएट किया। वह स्नातक की डिग्री के लिए कर्मक्षेत्र पीजी कॉलेज गए, जहाँ से उन्होंने छात्रसंघ के पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके बाद, उन्होंने शिकोहाबाद के ऐ.के. कॉलेज से बीटी की डिग्री हासिल की।
समाजवादी पार्टी की नींव
मुलायम सिंह यादव का समाजवादी विचारधारा से गहरा जुड़ाव था। उनके आदर्श डॉ. राम मनोहर लोहिया थे। 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की, जिसका उद्देश्य गरीब और पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए काम करना था। वह ऐसे नेता थे, जिन्होंने समाज के हर वर्ग की आवाज को उठाया और लोगों के बीच सामाजिक न्याय की बात की। मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में समाजवाद के विचार को प्रोत्साहित किया।
महिला शिक्षा और समाज सेवा
मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से कक्षा 8 और 12 तक की मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया और 2013 में कन्या विद्या धन योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत, हर लड़की को 20-20 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई। यह पहल न सिर्फ उत्तर प्रदेश में, बल्कि देशभर में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
रक्षामंत्री के रूप में योगदान
मुलायम सिंह यादव को भारतीय राजनीति में एक मजबूत और दृढ़ नेता के रूप में जाना जाता था। 1996 से 1998 तक वह भारत के रक्षामंत्री रहे। रक्षामंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में कई अहम कदम उठाए। उन्होंने भारतीय सैन्य बलों को नई तकनीकी उपकरणों से सुसज्जित किया और पाकिस्तान से मुकाबले के लिए जरूरी संसाधनों की व्यवस्था की। उनका यह मानना था कि चीन भारत के लिए पाकिस्तान से भी बड़ा खतरा है, और इसलिए देश को हमेशा चीन के मुकाबले तैयार रहना चाहिए।
राजनीतिक संघर्ष और कांग्रेस का विरोध
मुलायम सिंह यादव ने हमेशा कांग्रेस के खिलाफ संघर्ष किया। 1975 में इमरजेंसी के दौरान जब पूरी राजनीति में एक तूफान मचा हुआ था, तब मुलायम सिंह यादव ने जेल में समय बिताया। हालांकि, 2008 में इंडिया-यूएस न्यूक्लियर डील पर कांग्रेस का समर्थन भी किया। यही नहीं, मुलायम सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं के साथ भी मधुर संबंध बनाए रखा, और 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन की बात भी की।
अंतिम दिनों में सम्मान
मुलायम सिंह यादव का निधन 10 अक्टूबर 2022 को 82 साल की आयु में हुआ। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़े शून्य का कारण बना। उनके योगदान को देखते हुए, उन्हें 26 जनवरी 2023 को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी समाज सेवा, राजनीति और देश के प्रति समर्पण को सलाम करने के रूप में था।
मुलायम सिंह यादव का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता, समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी और उनका समाजवादी दृष्टिकोण आज भी लोगों के दिलों में जीवित है। उनके द्वारा किए गए कार्य और उनकी नीतियाँ हमेशा भारतीय राजनीति में एक उदाहरण के रूप में याद की जाएंगी।
लेखक- राधाकांत यादव
शोध छात्र – मुलायम सिंह यादव का व्यक्तित्व एवं कृतित्व
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर