2013 के मुजफ्फरनगर देंगे के बाद वहां की विशेष अदालत ने खतौली विधानसभा सीट से पूर्व एमएलए विक्रम सैनी को दोषी करार दिया था। अदालत ने उन्हें 2 वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने तक ट्रायल कोर्ट ने अंतरिम बेल दी थी। विशेष अदालत से दो वर्ष की सजा सुनाए जाने के विरुद्ध विक्रम सैनी ने उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी। न्यायमूर्ति समित गोपाल की एकल पीठ ने नियमित बेल को मंजूर किया था। आज इसकी सुनवाई है।
27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में दंगा हुआ था। पूर्व विधायक विधायक विक्रम सैनी सहित 28 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ था। मुजफ्फरनगर की विशेष अदालत ने इन 28 में से 12 लोगों को दो-दो साल की कैद की सजा सुनाई है। 15 लोग सबूतों के अभाव में बरी हो गए। एक आरोपी की मृत्यु भी हो गई है। 4 नवंबर को विक्रम सैनी की सदस्यता समाप्त की गई थी।