नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीडऩ कांड की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को हलफनामा दाखिल करके बताया कि 11 बालिकाओं की कथित हत्या की जांच के क्रम में सह-अभियुक्त की निशानदेही पर उसने कुछ अस्थियां बरामद की है।
सीबीआई ने अपने हलफनामे में बड़े लोगों को बचाने के आरोप को भी गलत बताया है। दरअसल, याचिकाकर्ता निवेदिता झा ने शीर्ष अदालत में नयी अर्जी दायर कर सीबीआई पर आरोप लगाया है कि जांच एजेंसी ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में 14 आरोपियों के खिलाफ जो आरोप पत्र दायर किये थे, उनमें बेहद हल्की धाराएं लगायी गयी हैं। याचिकाकर्ता का आरोप है कि सीबीआई ने बालिका गृह आने वाले लोगों की जांच नहीं की, जबकि सीबीआई ने कहा कि कुछ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किये गये हैं और वह पूरक आरोप पत्र भी दाखिल करेगी।
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न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख मुकर्रर की है। न्यायालय ने कहा कि सीबीआई के हलफनामे पर याचिकाकर्ता जवाब दाखिल कर सकते हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार, बिहार पुलिस द्वारा मामले की सही से जांच न करने के कारण ही जांच सीबीआई को हस्तांतरित की गई थी, लेकिन अब सीबीआई भी कुछ वैसा ही रवैया जांच के प्रति अपना रही है। इसलिए मामले में न्यायालय को दखल देना चाहिए।