भारतीय मिशन मून चंद्रयान -3 की लैंडिंग में केवल कुछ ही घंटे बाकी हैं। चंद्रयान-3 बुधवार को शाम 6 बजे करीब चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करेगा। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर अंतरिक्षयान पहुंचाने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।
भारत के मिशन मून को सफल बनाने के लिए विश्व की कई देशों की स्पेस एजेंसियां मदद कर रही है। इसरो के मुताबिक अमरिकी स्पेस एजेंसी NASA और यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने मदद के हाथ आगे बढ़ाया है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, दोनों स्पेस एजेंसियों ने चंद्रयान की लागातार मॉनिटरिंग की है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसांधान संगठन के प्रेसिडेंट एस सोमनाथ ने जानकारी देते हुए कहा कि चंद्रयान -3 के लैंडर मॉड्यूल को साउथ पोल पर लैंड कराने में सबसे बड़ी चुनौती उसे मोड़ना होगा। दरअसल, लैंडिंग से पहले यान को मोड़ना है, उन्होंने बताया कि जब लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा तो, उसे लैंडिंग से पहले 90 डिग्री सेल्सियस पर मोड़कर लंबवत करना होगा। यदि यह प्रक्रिया सफल हो जाती है, तो साउथ पोल पर मिशन मून की सॉफ्ट लैंडिंग की संभावना बढ़ जाएगी।