22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में लश्कर-ए-तैयबा की शाखा TRF ने 28 पर्यटकों को गोली मार दी। इस हमले से देश गुस्से और शोक में डूबा है। लेकिन झारखंड के बोकारो में मोहम्मद नौशाद ने सोशल मीडिया पर इस हमले के लिए पाकिस्तान और लश्कर को ‘थैंक्यू’ लिखकर जश्न मनाया था। पोस्ट वायरल होने के बाद बोकारो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आइए, विस्तार से जानते हैं पूरे मामले को!
नौशाद ने पोस्ट में क्या लिखा?
दरअसल बोकारो के बालीडीह, मिल्लत नगर के मोहम्मद नौशाद ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद X पर पोस्ट किया कि “थैंक्यू पाकिस्तान, थैंक्यू लश्कर-ए-तैयबा, अल्लाह आपकी लंबी उम्र करे, आमीन।” उसने आगे लिखा, “हमें ज्यादा खुशी तब होगी, जब आप BJP, RSS, बजरंग दल और गोदी मीडिया को निशाना बनाओ। RSS, BJP, बजरंग दल अब कहां गए? जाओ, सरहद पर उछल-कूद कर दिखाओ।” नौशाद ने खुद को ‘इस्लामिक लॉयर और बोल्ड ओरेटर’ बताया। उसकी पोस्ट ने देशभर में गुस्सा भड़का दिया।
लोगों की शिकायत पर पुलिस का एक्शन
पोस्ट वायरल होने के बाद X यूजर्स ने झारखंड पुलिस को टैग कर कार्रवाई की मांग की। 23 अप्रैल को बोकारो के चास थाने की पुलिस ने नौशाद को मिल्लत नगर से गिरफ्तार किया। थाना प्रभारी नवीन कुमार ने कहा, “हमें नौशाद के खिलाफ शिकायत मिली थी। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है, और आगे की कार्रवाई जारी है।” पुलिस उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स खंगाल रही है और पुरानी पोस्ट की जांच कर रही है, जिसमें उसने पहले भी भड़काऊ बातें लिखी थीं। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि नौशाद का कोई आतंकी कनेक्शन तो नहीं।
BJP विधायक का बयान
BJP के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने नौशाद की गिरफ्तारी पर कहा कि मैंने 22 अप्रैल रात को ही इस पोस्ट पर बोकारो SP से बात की थी। उसकी गिरफ्तारी से खुशी हुई। ऐसे आस्तीन के सांपों का फन कुचलना जरूरी है।” उन्होंने कहा, “देश में स्लीपर सेल की तरह काम करने वाले लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इनके साथ-साथ इन्हें पनाह देने वालों पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” सिंह ने UAPA के तहत कठोर सजा की मांग की।
क्यों अहम है यह मामला?
पहलगाम हमले में 24 भारतीय, 2 विदेशी, एक नौसेना और एक IB अधिकारी मारे गए। कश्मीर में 35 साल बाद बंद रहा, और लोग शोक में डूबे हैं। ऐसे में नौशाद की पोस्ट ने देशभक्ति की भावना को ठेस पहुंचाई। उसकी गिरफ्तारी से सवाल उठता है कि क्या कुछ लोग आतंकी संगठनों की विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं? क्या सोशल मीडिया आतंक समर्थकों का हथियार बन रहा है? पुलिस की जांच और सरकार की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।