नई दिल्ली: उत्तर भारत में हिंदू नववर्ष का खास महत्व है. रविवार 15 अक्टूबर से देवी दुर्गा का नौ दिवसीय पर्व नवरात्रि शुरू हो रहा है. रविवार को घट स्थापना होगी. ये पर्व 23 अक्टूबर तक चलेगा
शारदीय नवरात्रि की तिथियां (Shardiya Navratri 2023 Tithi) |
15 अक्टूबर 2023 | मां शैलपुत्री | पहला दिन | प्रतिपदा तिथि |
16 अक्टूबर 2023 | मां ब्रह्मचारिणी | दूसरा दिन | द्वितीया तिथि |
17 अक्टूबर 2023 | मां चंद्रघंटा | तीसरा दिन | तृतीया तिथि |
18 अक्टूबर 2023 | मां कुष्मांडा | चौथा दिन | चतुर्थी तिथि |
19 अक्टूबर 2023 | मां स्कंदमाता | पांचवा दिन | पंचमी तिथि |
20 अक्टूबर 2023 | मां कात्यायनी | छठा दिन | षष्ठी तिथि |
21 अक्टूबर 2023 | मां कालरात्रि | सातवां दिन | सप्तमी तिथि |
22 अक्टूबर 2023 | मां महागौरी | आठवां दिन | दुर्गा अष्टमी |
23 अक्टूबर 2023 | महानवमी | नौवां दिन | शरद नवरात्र व्रत पारण |
24 अक्टूबर 2023 | दशहरा | मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन | मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन |
15 अक्टूबर से नौ दिनों तक पूरे विधि-विधान से दुर्गा मां के नौ रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी. इसके लिए घरों में लोगों ने तैयारियां करनी शुरु कर दी हैं. ऐसे में हम आपको बताते हैं पूजा के लिए किस तरह से तैयारी करें…
कलश स्थापना के लिए सामान
मिट्टी का कलश और ढकने के लिए ढक्कन, जौ, साफ मिट्टी, रक्षा सूत्र, लौंग इलाइची, रोली और कपूर, आम के पत्ते, पान के पत्ते, साबुत सुपारी, अक्षत, नारियल, फूल, फल, ढक्कन में भरने के लिए चावल या फिर गेंहू.
मां के श्रृंगार का सामान
माता के श्रृंगार का सामान बेहद जरूरी है। इसमें आप लाल चुनरी के साथ लाल चूड़ियां, सिंदूर, कुमकुम, मेहंदी, आलता और बिंदी, शीशा, कंघी भी शामिल करें.
पूजा के प्रसाद
फूलदाना, मिठाई, मेवा, फल, इलायची, मखाना, लौंग, मिस्री होनी चाहिए.
हवन के लिए
हवन कुंड, रोजाना लौंग के 9 जोड़े, कपूर, सुपारी, गुग्गुल, लोबान, घी, पांच मेवा, चावल, आम की लकड़ी आदि.
अखंड ज्योति के लिए सामग्री
नौ दिन अखंड ज्योति अगर आप जला रहे तो आप शुद्ध घी, बड़ा दीपक (पीतल), बाती और थोड़े चावल.
कन्या पूजन के लिए
कन्याओं के लिए वस्त्र, प्लेट, उपहार, अनाज आदि.