हजारों साल से भक्तों के मनोरथ पूरी कर रही मां पाषाण देवी, नवरात्रि पर घर बैठे करें दर्शन

नैनीताल: यूं तो नवरात्रि पर मां दुर्गा के हर रुप की पूजा होती है। दुनियाभर के मंदिरों में भगवती की भव्य पूजा अर्चना होती है लेकिन देवभूमि में पहाड़ियों पर प्रकट हुई माता के पूजा की पुरातन परंपरा रही है।

नैनीताल के पाषाण देवी मंदिर में मां भगवती के सभी रूप चट्टान पर प्राकृतिक रूप से उभरे हैं। ऐसी मान्यता है कि मां भगवती के चरण नैनी झील में है।

नैनीताल का सबसे प्राचीन मंदिर है पाषाण देवी, पत्थर पर बनी है मां भगवती की  अद्भुत मूर्ति - pashan devi temple is the oldest temple in town – News18  हिंदी

 

इस स्थान पर माता के सभी 9 स्वरूपों की आकृति पत्थर पर अवतरित है। श्रद्धालु मानते हैं कि मां उनकी मांगों वो हमेशा पूरी करती हैं। यहां मां को वस्त्र के रूप में सिंदूर चढ़ाने की परम्परा है।

 

Pashan Devi Temple Nainital (Timings, History, Entry Fee, Images, Aarti,  Location & Phone) - Nainital Tourism 2023

शिला पर देवी के इन स्वरूपों के दर्शन करने लोग देशभर के विभिन्न हिस्सों से लाखों लोग आते हैं। नवरात्रि के दौरान मंदिर में भक्तों की आस्था उन्हें यहां तक खींच लाती है। इस मंदिर के निर्माण का प्रमाण कहीं नहीं मिलता है। माना जाता है हजारों साल से मां भगवती यहीं पर हैं और पड़ाही इलाकों की रक्षा करती हैं।

 

नैनीताल की पाषाण देवी - Kafal Tree

मान्यता यह भी है कि नैनीझील की उत्पत्ति के समय से ही पाषाण देवी का मन्दिर इस स्थान पर है ।

 

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