हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा के बीजेपी में शामिल होने की खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को दलित विरोधी बताते हुए कहा, “कांग्रेस दलितों का सम्मान नहीं करती। अगर कोई दलित नेता कांग्रेस में आगे बढ़ने की कोशिश करता है, तो कांग्रेस उसे कुचल देती है। कुमारी सैलजा कोई सामान्य नेता नहीं हैं, वे दलितों की नेता हैं और कांग्रेस की एक प्रमुख नेता हैं। अगर उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की मांग की, तो इसमें उनका क्या गुनाह है?”
परिवारवाद पर उठाया सवाल
सीएम सैनी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी परिवारवाद में फंसी हुई है और उसके नेता इसी में उलझे हुए हैं। उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी का उदाहरण देते हुए कहा, “जैसे सोनिया गांधी और राहुल गांधी परिवारवाद में फंसे हुए हैं, वैसे ही भूपेंद्र हुड्डा और उनके बेटे भी इसी समस्या में उलझे हैं। अगर कोई उनसे ऊपर सोचता है, तो उसे दबा दिया जाएगा। यह कांग्रेस की नीति है, और दलितों के प्रति उनका सम्मान नहीं है।”
मनोहर लाल खट्टर की प्रतिक्रिया
इससे पहले, कुमारी सैलजा के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा पर पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी अपनी राय दी थी। उन्होंने कहा था, “कब क्या होता है, यह संभावनाओं का संसार है। संभावनाओं को टाला नहीं जा सकता। समय आने पर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।”
कुमारी सैलजा की चुप्पी पर गरमाई राजनीति
कुमारी सैलजा की चुप्पी ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। कांग्रेस हाईकमान और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इस मुद्दे पर चुप हैं, जिससे बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है। दरअसल, कुमारी सैलजा कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जातिगत और व्यक्तिगत टिप्पणियों के बाद से विधानसभा चुनाव के प्रचार से दूर हो गई हैं। पिछले लगभग एक सप्ताह से वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग नहीं ले रही हैं।
आगे क्या होगा?
हरियाणा की राजनीति में यह स्थिति आने वाले समय में किस दिशा में जाएगी, यह देखने लायक होगा। कुमारी सैलजा की चुप्पी और बीजेपी का इस मामले को चुनावी मुद्दा बनाना, दोनों ही संकेत देते हैं कि हरियाणा में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। क्या कुमारी सैलजा बीजेपी में शामिल होंगी? यह सवाल अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है।