नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं क्लास की राजनीतिक विज्ञान की किताब में कई अहम बदलाव किए हैं. किताब से बाबरी मस्जिद, हिंदुत्व की राजनीति, 2002 के गुजरात दंगों और अल्पसंख्यकों से जुड़े कुछ संदर्भ हटा दिए हैं. नए शैक्षणिक सत्र से से ये बदलाव लागू हो रहे हैं. बीते कुछ दिनों से विवादित विषयों को अलग-अलग बोर्ड के पाठ्यक्रमों से हटाया जा रहा है.
NCERT ने इन बदलावों को गुरुवार को सार्वजनिक कर दिया है. NCERT की किताबें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत स्कूलों में पढ़ाई जाती हैं. 12वीं के राजनीति विज्ञान के चैप्टर 8 से अयोध्या अध्याय भी हटा दिया गया है. बाबरी विध्वंस को बदलकर राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा का जिक्र किया गया है.
पहले किताब में राम जन्मभूमि आंदोलन और अयोध्या विध्वंस का जिक्र था, जिसे बदलकर राम जन्मभूमि आंदोलन की विरासत क्या है कर दिया गया है. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि ऐसे बदलावों की एक अरसे से जरूरत थी.
किस तरह से किए गए हैं बदलाव?
पहले 12वीं की किताब में जिक्र था, ‘जो संगठन राम मंदिर के निर्माण का समर्थन कर रहे थे, उन्होंने 1992 के दिसंबर में एक कारसेवा का आयोजन किया था. इसे अंतर्गत रामभक्तों से अह्वान किया गया था कि वे राम मंदिर के निर्माण में श्रमदान करें. 6 दिसंबर 1992 को देश के विभिन्न भागों से लोग आ जुटे और इन लोगों ने मस्जिदों को गिरा दिया. मस्जिद के विध्वंस की खबर से देश के कई भागों में हिंदू और मुसलमानों के बीच झड़प हुई. 1993 के जनवरी में एक बार फिर मुंबई में हिंसा भड़की और अगले दो हफ्तों तक जारी रही.’
अब इसे बदलकर कर दिया गया है, ‘अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर पर सदियों पुराने कानूनी और राजनीतिक विवाद ने भारत की राजनीति को प्रभावित करना शुरू कर दिया जिसने विभिन्न राजनीतिक परिवर्तनों को जन्म दिया. राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन, केंद्रीय मुद्दा बन गया, जिसने धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र पर चर्चा की दिशा बदल दी. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले के बाद ये बदलाव अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के रूप में नजर आए.’
क्यों थी बदलावों की जरूरत?
पुरानी किताब में कई संवेदनशील मुद्दों का जिक्र किया गया था. उनके बारे में विस्तार से बताया गया था. बाबरी से लेकर गुजरात के दंगों तक का जिक्र इन किताबों में था. मंडल कमीशन का भी जिक्र था. बेहद संवेदनशीलता के साथ इन चैप्टरों में बदलाव किया गया है, जिससे छात्रों पर बोझ न पड़े. ये सभी बदलाव, एनसीईआरटी की वेबसाइट पर आप देख सकते हैं.