कोरोना का नया सब वैरिएंट मिला, जानिए खतरनाक है या नहीं?

वॉशिंगटन। 2019 में कोरोना की महामारी चीन से शुरू हुई थी। देखते ही देखते पूरी दुनिया में इसका डेल्टा वैरिएंट छा गया था। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से दुनिया में लाखों लोग मारे गए। इसके बाद कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट आते रहे। अब अमेरिकी मीडिया के मुताबिक कोरोना का एक और नया वैरिएंट देखा गया है। ये म्यूटेशन से बना है और इस सब वैरिएंट को FLiRT (एफएलआईआरटी) नाम दिया गया है। कोरोना का ये सब वैरिएंट ओमिक्रॉन से ही संबंधित है। बताया जा रहा है कि ये जेएन.1 वैरिएंट का एक रूप है।

जेएन.1 वैरिएंट के कोरोना वायरस के कारण 2023 में कई देशों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ी थी। बाद में इसके मरीज मिलने कम हो गए। अमेरिकी मीडिया के अनुसार कोरोना का नया सब वैरिएंट गंदे पानी में मिला है। इसके बाद वैज्ञानिकों की टीम ने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट में ऐसे म्यूटेशन पाए गए, जो चिंता बढ़ा रहे हैं।

लोगों को वैज्ञानिकों ने अलर्ट होने के लिए भी कहा। अमेरिका के येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में डीन डॉ. मेगल एल. रैनी ने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में बदलाव देखा गया है। ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को आसानी से चकमा देकर संक्रमित कर सकता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार बहुत से लोगों में कोरोना का संक्रमण हुए लंबा वक्त बीत चुका है। लोगों को कोविड वैक्सीन लगे भी अर्सा बीत चुका है। ऐसे में नया वैरिएंट ज्यादा जोखिम वाला हो सकता है। इसके अलावा डेटा के जरिए ये भी कहा जा रहा है कि जिन लोगों को नवीनतम कोविड बूस्टर डोज लगा, उनको भी नए वैरिएंट के प्रति पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना जा सकता।

नया सब वैरिएंट जोखिम को और बढ़ा सकता है। अब वैज्ञानिक ये पता कर रहे हैं कि कोरोना का नया सब वैरिएंट कितना फैला है और इसके मरीजों की पहचान की जा रही है। बता दें कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के कारण ही लाखों लोगों की जान गई थी। जबकि, कोरोना का बाकी कोई भी वैरिएंट या सब वैरिएंट खतरनाक नहीं रहा।

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