पहलगाम में हाल ही में हुए भयावह आतंकी हमले ने भारत की सुरक्षा व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। हमले के बाद अब सवाल सिर्फ सीमा पार से आ रहे आतंकियों पर नहीं, बल्कि देश के भीतर मौजूद उन चेहरों पर भी उठ रहे हैं जो बाहरी नहीं, बल्कि हमारे बीच ही हैं। भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने इसी कड़ी में एक चौंकाने वाला दावा किया है—उनका कहना है कि करीब 5 लाख पाकिस्तानी महिलाएं भारत में शादी कर बस चुकी हैं, लेकिन अब तक भारतीय नागरिकता उन्हें नहीं मिली है।
दुबे का दावा, ‘ये हैं अंदर के दुश्मन’
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर लिखा, “पाकिस्तानी आतंकवाद का नया चेहरा सामने आया है। करीब 5 लाख से ज्यादा पाकिस्तानी लड़कियां भारत में शादी करके रह रही हैं और आज भी पाकिस्तानी नागरिक हैं। इन अंदर घुसे दुश्मनों से लड़ना कैसे है?” यह बयान देशभर में नई बहस को जन्म दे रहा है।
सवाल उठाता आंकड़ा, लेकिन प्रमाण अधूरा
हालांकि दुबे ने अपने दावे के पीछे कोई आधिकारिक आंकड़ा साझा नहीं किया, लेकिन उनकी बात ने सरकार द्वारा हाल ही में दिए गए अल्टीमेटम को और गंभीर बना दिया है। भारत सरकार ने 29 अप्रैल तक कुछ श्रेणियों के पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का निर्देश दिया है। ऐसे में अवैध रूप से रह रहीं पाकिस्तानी महिलाओं की मौजूदगी एक सुरक्षा खतरे के रूप में देखी जा रही है।
कुछ महिलाएं कानूनी तरीके से रह रहीं, फिर भी खतरे की आशंका
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में शादी करके रह रहीं कई पाकिस्तानी महिलाओं के पास लॉन्ग टर्म वीज़ा है। उदाहरण के लिए बिहार के भोजपुर में रह रहीं असरी बेगम और आसमा, जो दशकों से यहीं की नागरिकता की प्रतीक्षा में हैं। वहीं, ओडिशा के बलांगीर में शारदा कुकरेजा 35 वर्षों से भारत में हैं और उनके पास पाकिस्तानी नागरिकता ही है। बावजूद इसके, उन्हें भी देश छोड़ने का नोटिस मिल चुका है।
पहलगाम हमला और संदिग्ध घुसपैठ
दुबे के इस बयान को हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जोड़कर देखा जा रहा है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें से 25 हिंदू और एक नेपाली नागरिक थे। हमलावरों ने धर्म पूछकर गोलियां मारीं, और यह हमला पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकवादी हमला माना जा रहा है।
भारत की सख्त कार्रवाई
हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कठोर कदम उठाए हैं:
- सिंधु जल संधि स्थगित
- अटारी बॉर्डर सील
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द
- डिप्लोमैटिक स्टाफ की कटौती
रिश्तों की आड़ में बढ़ता पाकिस्तानी खतरा
शादी के बंधन में बंधकर भारत आईं कई पाकिस्तानी महिलाएं शायद शांति की मंशा से आई हों, लेकिन यदि उनमें से कुछ भी संदिग्ध गतिविधियों से जुड़ी पाई गईं, तो यह निश्चित ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार इन मामलों की पूरी पारदर्शिता के साथ जांच करे और अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करे।