राहुल गांधी के ‘न्यूनतम आय गारंटी’ पर टिप्पणीं करके फंसे राजीव कुमार, EC भेज सकता है नोटिस

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यूनतम आय गारंटी योजना का बड़ा वादा किया था जिसपर सवाल उठाकर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार बुरी तरह फंस गए हैं. चुनाव आयोग ने राजीव कुमार के खिलाफ संज्ञान लेते हुए इसे आचार संहिता का उल्लघंन माना है. इसके लिए आयोग उन्हें नोटिस भी भेज सकता है.

आपको बता दें, सोमवार को राहुल गांधी ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वह देश के सर्वाधिक गरीब 20 प्रतिशत परिवारों को 72,000 से 72,000 रुपये तक सालाना न्यूनतम आय उपलब्ध करांएगे. उनके इस बयान पर राजीव कुमार ने ट्वीट करके कहा था कि ‘कांग्रेस के पुराने रिकॉर्ड को देखा जाए तो वह हमेशा चुनाव जीतने के लिए चांद लाने जैसे वादे करते आई है.’

राजीव कुमार ने कहा कि राहुल गांधी ने जिस योजना की घोषणा की है उससे देश की अर्थव्यवस्था खत्म हो जाएगी. ऐसे में सरकारी खजाने का जो भी घाटा होगा उसे पूरा नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा था कि ‘साल 2008 में पी चिदंबरम वित्तीय घाटे को 2.5 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी तक ले गए थे. राहुल गांधी की यह घोषणा भी उसी पैटर्न पर आगे बढ़ने जैसी है. उन्होंने घोषणा तो कर दी लेकिन इसका अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा उसके बारे में नहीं सोचा. अगर यह स्कीम लागू हुई तो हम चार कदम और पीछे चले जाएंगे.

वहीं राजीव कुमार के इस बयान को चुनाव आयोग दूसरी तरह से ले रहा है. उनका ऐसा मानना है कि यह एक राजनीतिक दल के दूसरे दल पर टिप्पणी का मामला नहीं है. इसलिए राजीव कुमार के इस बयान को आचार संहिता का उल्लघंन माना जा सकता है. इस सिलसिले में आयोग उन्हें नोटिस भेजकर जवाब-तलब भी कर सकता है.

बता दें, लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने पुलिस और अन्य पर्यवेक्षकों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में उन्होंने चुनाव के दौरान निष्पक्ष रहने का निर्देश दिया था. यह फैसला इसलिए लिया गया था क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में पर्यवक्षकों की पक्षपात और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की शिकायतें मिली थीं.

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