ब्याज दरों में नहीं कोई फेरबदल , सस्ते ऋण का मार्ग अभी साफ नहीं !

6 अक्तूबर को प्रारम्भ  हुई रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुक्रवार यानी आज  ख़त्म हो गई। इस दौरान भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान 17.2 प्रतिशत  है।

RBI  गवर्नर ने कहा कि रेपो रेट बिना किसी फेरबदल के 4 फीसदी रहेगा। रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी चेंज  के 3.35 फीसदी  रहेगा। ऐसे में ग्राहकों को EMI  या ऋण  की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है।

भारतीय रिजर्व बैंक  के गवर्नर ने बताया कि इस समय  में अर्थव्यवस्था को महामारी के कहर से बचाने के लिए रिजर्व बैंक ने अप्रत्याशित संकट से निपटने के लिए 100 से ज्यादा  उपाय किए हैं। हमने वित्तीय बाजार को चालू रखने के लिए नए और अपरंपरागत उपाय करने में संकोच नहीं किया है। पिछली एमपीसी बैठक की तुलना में आज भारत बहुत अच्छी  स्थिति में है। 

विकास की चाल  मजबूत होती दिख रही है। मुद्रास्फीति अनुमान से ज्यादा  अनुकूल हो रही है। पिछली एमपीसी बैठक के तुलना में आज भारत बहुत अच्छी  स्थिति में है। विकास की गति मजबूत होती दिख रही है। मुद्रास्फीति ट्रेजेक्टरी अनुमान से अधिक अनुकूल हो रही है।

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