मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली को लेकर चिंता व्यक्त करने के बजाय देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर भरोसा जताया। उनका कहना था कि शेयर बाजार में जो गिरावट देखी जा रही है, उससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से मजबूत है और इससे निपटा जा सकता है।
एफआईआई की बिकवाली: कारण और स्थिति
वर्तमान समय में शेयर बाजार में लगातार बिकवाली का दौर जारी है, जिसमें विदेशी निवेशकों (FIIs) का अहम योगदान रहा है। हाल के कुछ हफ्तों में निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से भारी रकम निकाली है। 45-46 दिनों के दौरान औसतन हर दिन 2,150 करोड़ रुपये से ज्यादा का पूंजी निकासी हुआ है। जनवरी महीने में यह आंकड़ा 78,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। इस बिकवाली के कारण भारतीय बाजार में मंदी का असर देखा गया है।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव का यह एक सामान्य हिस्सा है, विशेष रूप से तब जब वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं बढ़ जाती हैं। उन्होंने यह साफ किया कि विदेशी निवेशक अक्सर प्रॉफिट बुकिंग के लिए बिकवाली करते हैं, और यह भारत के लिए कोई चिंताजनक बात नहीं है।
ग्लोबल अनिश्चितताओं का असर
सीतारमण ने इस दौरान यह भी कहा कि दुनिया में कई जगह आर्थिक संकट और वैश्विक तनाव के कारण निवेशकों का मूड प्रभावित होता है। अमेरिकी टैरिफ धमकी और सोने की कीमतों में बढ़ोतरी जैसी घटनाएं इस वक्त वैश्विक स्तर पर अस्थिरता का कारण बनी हुई हैं। ऐसे समय में विदेशी निवेशक अपनी पूंजी निकालकर निवेश में सतर्कता बरतते हैं, जो कि भारत के लिए एक असामान्य बात नहीं है।
भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति
वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है। उन्होंने यह बताया कि सरकार ने सभी सेक्टरों पर ध्यान दिया है और आने वाले समय में आर्थिक विकास के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में जो वैश्विक निवेशकों के बीच इस समय बेचैनी है, वह सिर्फ अस्थायी है और समय के साथ स्थिति सुधर जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि देश के विभिन्न MSME क्लस्टर्स में SIDBI की ब्रांचों की स्थापना की जाएगी, जिससे छोटे और मंझले व्यवसायों को ज्यादा मदद मिल सके। इस बार के बजट में सभी क्षेत्रों की वृद्धि पर जोर दिया गया है।
नए I-T बिल पर मिले 60,000 से ज्यादा इनपुट
वित्त मंत्री ने आगे बताया कि नए इनकम टैक्स बिल को लेकर अब तक 60,000 से अधिक इनपुट मिले हैं। यह इनपुट उन्हें आम जनता और विभिन्न व्यवसायिक संस्थाओं से मिली हैं। इससे यह साबित होता है कि सरकार टैक्स सिस्टम को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि जब भी दुनिया के बड़े देशों में आर्थिक उतार-चढ़ाव आता है, तो इसका असर पूरी दुनिया के बाजारों पर पड़ता है। ऐसे में भारत का शेयर बाजार भी प्रभावित हुआ है, लेकिन देश की आंतरिक स्थिति की मजबूती और सरकार के उपायों से स्थिति जल्द ही सुधर सकती है।
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारतीय निवेशकों को इस दौर में धैर्य बनाए रखना चाहिए, क्योंकि जैसे-जैसे भारतीय बाजार में सुधार होगा, वैसे-वैसे स्थिति बेहतर होगी।