नई दिल्ली: उत्तरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट अब हाई प्रोफाइल हो गई हैं। यहां से दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी, कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप पाण्डेय चुनाव मैदान में हैं। मनोज तिवारी और दिलीप पाण्डेय ने सोमवार को नामांकन दाखिल कर दिए हैं। मंगलवार को श्रीमती दीक्षित भी नामांकन दाखिल कर देंगी। तीनों उम्मीदवार ब्राह्मण हैं। दिलीप पाण्डेय और मनोज तिवारी खांटी पूर्वाचली हैं, जबकि शीला दीक्षित भी अपने आपको पूर्वाचली बहू कहती रही हैं।
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गौरतलब है कि उत्तरी-दक्षिणी लोकसभा क्षेत्र के बाद उत्तरी-पूर्वी दिल्ली सीट आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा इलाका है। उत्तरी-पूर्वी लोकसभा सीट क्षेत्र में करीब 22 लाख मतदाता हैं। इनमें से करीब 5 लाख मुस्लिम मतदाता हैं, जो निर्णायक भूमिका निभाते हैं। खासतौर से सीलमपुर, बाबरपुर, मुस्तफाबाद व सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य इलाका माना जाता है। बुराड़ी व करावलनगर विधानसभा क्षेत्र पूर्वाचली बाहुल्य है। 22 के करीब गांव गुर्जरों के हैं। सिख और जाट समुदाय के लोग बहुत कम हैं। पिछड़े व दलित वर्ग की संख्या भी ठीक-ठाक है। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी दस विधानसभा क्षेत्र से ‘‘आप’ के विधायक हैं।
‘‘आप’ के उम्मीदवार दिलीप पाण्डेय करीब छह महीने से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। भाजपा सांसद मनोज तिवारी भी पूर्वाचली वोटरों व भाजपा के परंपरागत वोट के भरोसे हैं। बसपा भी अपने उम्मीदवार उतारकर दलित व पिछड़े वोट में सेंध लगाने की कोशिश में है। बहरहाल ‘‘आप’ और कांग्रेस के बीच गठबंधन की कयासबाजी के बीच यह माना जा रहा था कि मुकाबला ‘‘आप’ और भाजपा के बीच होगा, लेकिन कांग्रेस ने शीला दीक्षित को यहां से टिकट देकर त्रिकोणीय व दिलचस्प मुकाबला बना दिया है। ‘‘आप’ और भाजपा के बीच शीला ‘‘शिला’ की तरह खड़ी हो गई हैं। ऊंट किस करवट बैठेगा, यह मतगणना के दिन ही पता चलेगा।