NPR National Population Register exercise(एनपीआर) की कवायद शुरू होने से चंद हफ्ते पहले तमिलनाडु सरकार ने भी गुरुवार 12 मार्च को अपने राज्य में NPR लागू करने से इनकार कर दिया है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उसी दिन संसद में सभी राज्यों और सभी दलों को भरोसा दिलाया है कि इस प्रक्रिया में अगर कोई व्यक्ति कोई सूचना नहीं दे पाता है तो उसे संदेहास्पद यानी ‘डी मार्क’ नहीं किया जाएगा। दिल्ली की कानून व्यवस्था की स्थिति पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने यह भी आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एनपीआर में किसी से कोई भी अतिरिक्त दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।
अमित शाह ने एनपीआर पर तमाम भ्रम को साफ करते हुए विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एनपीआर के तहत जो लोग अपने बारे में जितनी जानकारी देना चाहते हैं उतनी देने के लिए वह स्वतंत्र हैं। सीएए, एनपीआर को लेकर किसी भी तरह की शंका ना रखें। गृहमंत्री ने कहा कि दिल्ली हिंसा में जो लोग मर गए हैं उनके परिवार की नुकसान की भरपाई मैं नहीं कर सकता है, लेकिन आप इतना भरोसा रखना एक भी दंगाई छूट ना पाए, किसी भी धर्म का, किसी भी जाति का इसका हम भरोसा देते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनपीआर की प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों का जवाब राज्यसभा में जवाब दिया और कहा कि NPR की प्रक्रिया के वक्त किसी भी नागरिक को शंका की नज़र से नहीं देखा जाएगा. अमित शाह ने कहा, ‘..मैंने स्पष्ट किया है कि NPR के अंदर कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा, पहले भी नहीं मांगा गया था’.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘… आपको जितनी जानकारी देनी है आप उतनी ही जानकारी दे सकते हैं. अगर कोई जानकारी नहीं देता है, तो उसके नाम के आगे ‘D’ नहीं लगेगा, ऐसे में किसी को डरने की जरूरत नहीं है’. कपिल सिब्बल को जवाब देते हुए शाह ने कहा कि मैं कहता हूं कि सदन में बैठे हुए सारे विद्वान लोग हैं, सीएए कानून में मुझे कोई भी ऐसा प्रावधान बता दीजिए जिससे मुसलमानों की नागरिकता चली जाए। जिसपर सिब्बल ने कहा कि कोई नहीं कह रहा है कि सीएए किसी की नागरिकता छीनेगा। कानून ये कहता है कि जब एनपीआर होगा तो उसमे 10 सवाल और पूछे जाएंगे, जो राज्य सरकार का अध्यक्ष है वह यह पूछेगा और उसके बाद वह संदिग्ध (D) लगा देगा। यह मुसलमानों के प्रति ही नहीं, यह गरीबों के खिलाफ है।
सिब्बल के सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के कई नेताओं ने यह बयान दिया है कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ है। मैंने खुद कहा है कि एनपीआर के तहत कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। अगर जानकारी नहीं है तो भी कोई दिक्कत नहीं, जितनी जानकारी आप देना चाहते हैं, उसे देने के लिए आप आजाद हैं। किसी को एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है।