जालंधरः नन के साथ जबरदस्ती करने के आरोपी 54 साल के रोमन कैथोलिक डायोसीस चर्च के बिशप डॉ. फ्रेंको मुलक्कल से पूछताछ करने के लिए केरल पुलिस मंगलवार शाम को बिशप हाउस पहुंची. जिसके बाद वहां हंगामा देखने को मिला. आरोपी डॉ. फ्रेंको अपने काफिले की सात गाड़ियों के साथ सिविल लाइन स्थित चर्च पहुंचे. मामले की कवरेज कर रही मीडिया को बिशप हाउस में मौजूद प्राइवेट सिक्योरिटी और उनके समर्थकों ने मिलकर बाहर रोक दिया.
आपको बता दें, इस मामले में अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है. बिशप से सोमवार देर रात पूछताछ शुरू हुई और मंगलवार सुबह तक समाप्त हुई. केरल पुलिस की टीम पूछताछ करने के लिए शुक्रवार को ही चंडीगढ़ से जालंधर पहुंच गई थी, जिसके बाद बिशप ने टीम से मुलाकात करने से मना कर दिया था.केरल पुलिस टीम ने इस मामले में फादर एंटोनी और जालंधर डिओसिस मुख्य जनसंपर्क अधिकारी फादर पीटर से भी पूछताछ की. इस दौरान वहां मौजूद केरल के पत्रकारों ने मुलक्कल से पूछताछ करने की कोशिश की तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया.
यहां पूछताछ करने आई केरल पुलिस टीम को पंजाब के उनके समकक्षों ने सुरक्षा मुहैया कराई है. इससे पहले टीम ने शुक्रवार और शनिवार को जालंधर डिओसिस के नन से मुलाकात की थी. कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर पंजाब पुलिस ने केरल की टीम को सुरक्षा मुहैया कराई. पुलिस उपाधीक्षक ए.टी. सुभाष की अगुवाई में शुक्रवार को जब छह सदस्यीय टीम जालंधर पहुंची तो, डिओसिस के कई समर्थक जालंधर में चर्च के परिसर में इकट्ठा हो गए.
क्या था मामला
केरल की रहने वाली एक नन ने जालंधर स्थित रोमन कैथोलिक चर्च के बिशप पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे. नन के द्वारा केरल में दर्ज कराई गई शिकायत में बताया गया था कि, वह जालंधर के डायोसीस कैथोलिक चर्च के तहत चलने वाले एक संस्थान में काम करती थी. जिसकी कमान बिशप फ्रैंको मुलक्कल के हाथ में है. नन ने आरोप लगाया है कि, मुलाक्कल ने केरल के समीप कोट्टायम के एक गैस्ट हाउस में वर्ष 2014 से 2016 के बीच उसके साथ यौन उत्पीड़न किया. हालांकि मुलाक्कल ने ऐसे किसी भी आरोप से इनकार किया है.