नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित के मार्गदर्शन वाले कॉलेजियम की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए चार खाली पदों को भरने के लिए केंद्र सरकार को किसी भी नाम की सिफारिश करने की उम्मीद अब नहीं है। शीर्ष न्यायालय कॉलेजियम के दो सदस्यों ने प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की तरफ से सहमति के लिए भेजे गए पत्र पर आपत्ति जाहिर की है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कॉलेजियम में अपने साथी न्यायाधीशों को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय में चार नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उनकी सहमति मांगी थी।
यूयू ललित का कार्यकाल अगले माह की 8 तारीख तक यानी 8 नवंबर तक का है। खाली पदों को भरने के लिए कॉलेजियम की स्वीकृति मिलने के लिए सेवानिवृति से एक माह पूर्व के नियम का हवाला पूर्व में दिया गया था। उसी नियम को मद्देनजर रखते हुए किसी नाम की सिफारिश मुश्किल है।
उसी नियम के तहत चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ललित 8 अक्टूबर के पश्चात कॉलेजियम की मीटिंग आयोजित नहीं कर पाएंगे क्योंकि वह 8 नवंबर को सेवामुक्त हो रहे हैं। संयोग से सर्वोच्च न्यायालय जब 10 अक्टूबर को फिर से खुलती है उस समय कॉलेजियम मिल सकता है परंतु तब तक ‘एक माह से कम’ का नियम लागू हो जाएगा।