पुरी के जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने अवैध कब्जे को लेकर कुम्भारपड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें बताया गया है कि श्री गुंडिचा मंदिर के पास स्थित मंदिर की जमीन पर कब्जा करने और प्लाटिंग करने की कोशिश की जा रही है। यह जमीन ओडिशा के पुरी में स्थित है और इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
किसने की अवैध कब्जे की कोशिश?
पुरी के जगन्नाथ मंदिर के प्रशासन को जानकारी मिली थी कि श्री गुंडिचा मंदिर के पास स्थित कुछ भूमि पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। इस भूमि का क्षेत्रफल लगभग 50 डिसमिल है और इसकी सरकारी कीमत करीब 5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। मंदिर प्रशासन ने इस मामले में कुम्भारपड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस की माने तो जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही थी, जिसकी जांच अब प्रशासन ने शुरू कर दी है।
क्या है जमीन का मामला?
जमीन की यह अवैध कब्जे की कोशिश तालबेणीया मौजा के खाता नंबर 791 के अंतर्गत आने वाले प्लॉट्स पर की जा रही थी। इनमें से कुछ प्लॉट्स के नंबर 827, 824, 821, 823, 825 और 821/1816 बताए गए हैं। ये सभी प्लॉट्स मंदिर प्रशासन की भूमि के तहत आते हैं और इस पर कब्जे की कोशिश की जा रही थी। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
इसकी प्राथमिक जांच तहसीलदार से करवाई जा रही है, और पुलिस भी इस पर ध्यान दे रही है। सरकार ने चेतावनी दी है कि किसी भी हालत में भगवान जगन्नाथ की जमीन पर किसी तरह का अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा।
मंदिर प्रशासन का कड़ा रुख
पुरी जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद कुमार पाढ़ी ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने अधिकारियों से निर्देशित किया है कि वे सभी आवश्यक कदम उठाते हुए इस मामले में कार्रवाई करें। कुम्भारपड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज होने के बाद प्रशासन ने पुरी के पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल से भी इस मामले पर चर्चा की है।
पुरी के पुलिस अधीक्षक ने भी इस मामले को लेकर आश्वासन दिया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और इस मामले में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भगवान जगन्नाथ की जमीन पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा या बिक्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पहले भी हुई थी जमीन पर कब्जे की कोशिश
यह पहली बार नहीं है जब पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर की जमीन पर कब्जे की कोशिश की जा रही हो। इससे पहले, पुरी के मटिटोटा इलाके में भी मंदिर की जमीन पर कब्जा करने की साजिश सामने आई थी। मटिटोटा में कुल 109 प्लॉट्स के 64 एकड़ क्षेत्रफल की सरकारी कीमत करीब 512 करोड़ रुपये थी। इस मामले में भी मंदिर प्रशासन ने बसलीसाही पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, और पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
मंदिर प्रशासन ने इस मामले में भी स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को सतर्क किया है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर किसी ने भी भगवान जगन्नाथ की जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त की कोशिश की तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के मामलों में शामिल लोग ना केवल धोखाधड़ी का शिकार होंगे, बल्कि उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आखिर क्यों जरूरी है मंदिर की जमीन की सुरक्षा?
श्री जगन्नाथ मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व न सिर्फ ओडिशा, बल्कि पूरे देश में है। मंदिर की जमीन पर कब्जे की कोशिशों से न केवल प्रशासन की छवि खराब होती है, बल्कि श्रद्धालुओं के विश्वास पर भी असर पड़ता है। इस प्रकार के अवैध कब्जे और खरीद-फरोख्त के मामलों को रोकने के लिए सरकार और मंदिर प्रशासन दोनों को मिलकर कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
यहां तक कि स्थानीय लोग भी इस बारे में पूरी तरह से जागरूक हो चुके हैं और मंदिर प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों से बचें। अवैध रूप से किसी भी जमीन की खरीद-फरोख्त में शामिल होने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जो किसी भी व्यक्ति के लिए काफी गंभीर हो सकती है।