लखनऊः अब यदि आप पुलिस की सहायता के लिए 112 नंबर पर फोन कर अपनी शिकायत या समस्या बतायेगे तो आपसे आपकी उसी क्षेत्रीय भाषा में बातचीत की जायेगी जिस क्षेत्रीय भाषा में आप सहजता से बात कर सकते हैं। अगर आप अवधि में अपनी बात कायदे से समझा सकते हैं तो अवधि में और अगर आप भोजपुरी में बात करना चाहते हैं तो शिकायत सुंनने वाला अधिकारी आपसे भोजपुरी में ही बात करेगा। परस्पर संवाद प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए ये कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश पर उठाया गया है.
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया है कि यह संवाद भोजपुरी , अवधी, ब्रज, बुन्देली आदि उसी क्षेत्रीय भाषा में भी किया जाएगा जिसका
उपयोग संवादकर्ता द्वारा किया जायेगा। अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं में उत्तर देने के लिए उसी क्षेत्र के संवाद अधिकारियों को 112-यूपी के अधिकारियो द्वारा चुना गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक, 112-यूपी असीम अरूण ने इस संबंध में बताया कि आपातकालीन सेवा में संवाद अधिकारियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। क्षेत्रीय भाषाओं में पारंगत संवाद अधिकारियों की नियुक्ति से ग्रामीण अंचल से सहायता के लिए कॉल करने वाले लोगों खास कर महिलाओं को अपनी बात बताने में काफी सुविधा होगी।
असीम अरूण ने बताया कि 112-यूपी में प्रतिदिन 15-17 हजार लोग काल कर पुलिस की सहायता मांगते हैं। इनमेक्षेत्रीय भाषाओं में मदद मांगने वाले
लोगों की संख्या काफी होती है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपनी क्षेत्रीय भाषा में ही समस्या बताने में सहज महसूस करती हैं। उनकी बातों का जवाब भी जब उनकी ही भाषा में 112 की ओर से दिया जायेगा तो शिकायतकर्ता में पुलिस के प्रति अपनेपन का भी आभास होगा । मदद मांगने वाले वाले जिस भाषा में बात करना चाहते हैं, उनकी कॉल को उसी भाषा की डेस्क पर स्थानांतरित कर दिया जाता है।