कांग्रेस की पहली लिस्ट में ही देश के दो सबसे अमीर विधायक

देश में आम चुनावों का आगाज होने वाला है लेकिन इसकी तैयारियां अभी से जोरों पर हैं. बीजेपी के बाद अब कांग्रेस ने भी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है जिसमें उसने 39 उम्मीदवारों के नाम का खुलासा किया है. इस दौरान कांग्रेस ने 28 लोकसभा सीटों वाले कर्नाटक के 7 उम्मीदवारों के नाम का ही ऐलान किया है.

कांग्रेस की पहली लिस्ट का ऐलान करने से पहले केपीसीसी अध्यक्ष और डिप्टी चीफ मिनिस्टर डीके शिवकुमार ने साफ किया था कि पार्टी ने हाई कमांड के पास सिर्फ 14 ही नाम भेजे थे जिन पर सभी का मत साफ था. इस 7 नामों की बात करें तो इसमें 3 नाम वही थे जिनको लेकर सभी को उम्मीद थी. कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के भाई और दो बार के बेंगलुरु रुरल सांसद डीके सुरेश, तुमकुर के पूर्व सांसद एसपी मुद्दाहनुमेगौड़ा और गीता शिवराजकुमार (जिन्हें 2019 में शिवमोगा से हार मिली थी) के नाम को लेकर किसी को सरप्राइज नहीं हुआ.

कर्नाटक सिने स्टार शिवराजकुमार की पत्नी पहले भी चुनाव लड़ चुकी है लेकिन पिछला चुनाव जेडीएस की टिकट और कांग्रेस के समर्थन में लड़ा था. हालांकि मौजूदा समय में प्राइमरी और सेकेंडरी शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा की बहन और पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा की बेटी गीता को इस बार ये मौका कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर मिला है तो उन्हें जीत दिलाने में राज्य सरकार अपनी पूरी ताकत झोंकती हुई नजर आ सकती है.

इस बीच सुरेश को लगातार तीसरी बार बेंगलुरु रूरल से मौका दिया गया है जहां पर 2019 में उन्होंने भारी जीत हासिल की थी. ऐसा माना जा रहा था कि सुरेश के लिए इस बार बीजेपी और जेडीएस की संयुक्त ताकत के सामने जीत हासिल कर पाना मुश्किल होगा लेकिन उनकी जीत कर्नाटक के डिप्टी सीएम और उनके भाई की इज्जत का सवाल भी बनेगी.

पूर्व डिस्ट्रिक्ट और सेशन कोर्ट जज मुद्दाहनुमेगौड़ा को तुमाकुर से मौका दिया गया है जो कि 3 महीने पहले ही बीजेपी से वापस कांग्रेस में लौटे हैं. मुद्दाहनुमेगौड़ा ने 2014 में कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की थी लेकिन 2019 के कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के दौरान उन्हें मौका नहीं मिला था और पूर्व पीएम एच डी देवगौड़ा को यहां से खड़ा किया गया था. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इस बार मुद्दाहनुमेगौड़ा अपने सामने किसी नए चेहरे की चुनौती देख सकते हैं क्योंकि बीजेपी के मौजूदा सांसद जीएस बसवराजु ने राजनीति से पहले ही संन्यास का ऐलान कर दिया है.

हसन से पार्टी ने 31 वर्षीय श्रेयस एम पटेल को मौका दिया है जो 2024 के विधान सभा चुनाव में जेडी (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना जैसे मुश्किल प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ होलेनरसीपुरा से चुनाव लड़ा था. इतना ही नहीं पटेल को यहां पर रेवन्ना के बेटे और मौजूदा जेडी (एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना का सामना करना पड़ सकता है.

पार्टी की ओर से शुक्रवार को घोषित किए गए नामों में जिसने सबसे ज्यादा सरप्राइज किया वो थे आनंदस्वामी गद्दादेवरामथ, जो शिरहट्टी के पूर्व विधायक जीएन गद्दादेवरामथ के बेटे हैं. यह 46 वर्षीय उम्मीदवार हावेरी से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां बीजेपी को एक और रिटायरमेंट से जूझना पड़ रहा है. यहां से मौजूदा सांसद शिवकुमार उदासी ने राजनीतिक संन्यास का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने पहले यहां से लिंगायत समूह के वोट साधने के लिए मुस्लिम उम्मीदवार उतारने का सोचा था.

मांड्या से कांग्रेस ने स्टार चंद्रू के नाम से मशहूर कारोबारी वेंकटरामेगौड़ा के नाम को मंजूरी दी है, वहीं मौजूदा निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश का अभी बीजेपी की टिकट पर लड़ने का मामला साफ नहीं है. वेंकटरामेगौड़ा गौरीबिदानूर से मौजूदा निर्दलीय विधायक के एच पुट्टास्वामी गौड़ा के भाई हैं. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार पुट्टस्वामी गौड़ा 1,267 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ देश के दूसरे सबसे अमीर विधायक हैं और उन्होंने चुनाव के तुरंत बाद कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा बढ़ा दी थी.

आखिर में बीजापुर की सीट जो कि अनुसूचित जाति (एससी) के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है उस पर कांग्रेस ने पार्टी के जिला अध्यक्ष और नागथन के पूर्व विधायक एचआर अलागुर के नाम को मंजूरी दी है.अलागुर भी बीजेपी के मौजूदा सांसद रमेश जिगाजिनागी के हॉस्पिटलाइज्ड होने के चलते नए उम्मीदवार का सामना कर सकते हैं. अपनी पहली लिस्ट में कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष और पूर्व सांसद जयप्रकाश हेगड़े और राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बीएन चंद्रप्पा के नामों पर रोक लगा दी है.

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