लोकसभा स्पीकर, वो ताकतवर पद, जिसके लिए लगातार खींचतान चल रही है. स्पीकर कौन होगा, इसके लिए आज वोटिंग होगी. पहले एक पल को लगा था कि एनडीए उम्मीदवार को निष्पक्ष चुन लिया जाएगा, लेकिन इस बीच विपक्ष ने अपना उम्मीदवार उतारकर चुनाव की नौबत ला दी. एनडीए ने एक बार फिर से ओम बिरला को उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्ष ने के सुरेश को उनके सामने उतारा है. देश के इतिहास में ऐसा तीसरी बार होने जा रहा है, जब स्पीकर के लिए चुनाव होगा. दरअसल विपक्ष डिप्टी स्पीकर की मांग पर अड़ा है. वहीं स्पीकर को लेकर भी आम सहमति नहीं बन सकी. वहीं राहुल गांधी अब नेता विपक्ष हैं. अगर वह अपनी मांग पर अड़े रहे तो सांसदों के बीच पर्चियां बांटी जाएंगी.
लोकसभा अध्यक्ष पद के एनडीए के उम्मीदवार ओम बिरला संसद के लिए अपने घर से निकल चुके हैं. घर से निकलने से पहले उनकी पत्नी ने उन्हें तिलक लगाया. बिरला का अध्यक्ष चुना जाना अब लगभग तय है, क्योंकि नंबर के मामले में एनडीए विपक्षी इंडिया ब्लाक से बहुत आगे है. बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनेंगे. वो 17वीं लोकसभा के लिए निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे.
लोकसभा में सांसदों का नंबरगेम जानें
लोकसभा में नंबरों की बात करें तो कुल सांसदों की संख्या 543 है. BJP के पास 240 सांसद हैं. वहीं NDA के पास कुल सासदों की संख्या 293 है. इसमें टीडीपी के 16 और JDU के 12 सांसद हैं. INDIA गठबंधन के 235 सांसद हैं. इनमें कांग्रेस के 98 और अन्य के पास 14 सांसद हैं. जबकि एक सीट खाली है.
खास बात यह है कि टीएमसी और YSRCP एनडीए को समर्थन दे सकती है. लोकसभा में टीमसी के 29 सांसद हैं, जिसका कहना है कि कांग्रेस से उनसे चर्चा किए बिना ही उम्मीदवार चुन लिया है. वहीं जगन मोहन रेड्डी की YSRCP का कहना है कि उनके सांसद ओम बिरला को समर्थन देंगे. वहीं 3 स्वतंत्र उम्मीदवार के सुरेश के पक्ष में जाने की बात कह रहे हैं.
क्या है अन्य 17 सांसदों की स्थिति?
अगर 17 अन्य की बात करें तो, YSRCP के 4 सांसद और जेल में बंद अमृतपाल सिंह और इंजीनियर राशिद ने अब तक सांसद की शपथ नहीं ली है.
कागज की पर्चियों से हो सकती है वोटिंग
लोकसभा में आम तौर पर स्पीकर के नाम का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित किया जाता है. अगर विपक्ष स्पीकर के नाम पर अड़ा रहेगा और वोटों के विभाजन पर जोर देगा तो पूरी प्रक्रिया के तहत चुनाव कराया जाएगा. पूरी संभावना है कि कागज की पर्चियों के जरिए मतदान कराया जाए. इसके लिए सभी सांसदों को कागज की पर्चियां बांटी जाएंगी. दरअसल नई लोकसभा में अब तक सांसदों को सीटें आवंटित नहीं की गई हैं. जिस वजह से इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले सिस्टम का इस्तेमाल किया नहीं जा सकता.
कैसे चुना जाएगा लोकसभा अध्यक्ष?
- लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए सांसद खुद में से ही दो सासंदों को सभापति और उपसभापति चुनते हैं. बहुत ही साधारण बहुमत के जरिए यह चुनाव होता है.
- लोकसभा में मौजूद आधे से ज्यादा सांसद जिस उम्मीदवार को वोट देते हैं, वही लोकसभा अध्यक्ष बनता है. मतलब 50 प्रतिशत वोट जिसको मिलेंगे, यह पद उसी के पास जाएगा.
- लोकसभा की 542 सीटों में से 293 सीटें एनडीए के पास हैं, 542 का आधा करें तो 271 का आंकड़ा निकलकर आएगा, इस तरह से उनके पास लोकसभा में बहुमत है. ऐसे में ओम बिरला के अध्यक्ष बनने की राह में कोई रोड़ा नहीं होना चाहिए.
- बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सबसे पहले उन नवनिर्वाचित सांसदों का नाम पुकारा जाएगा, जिन्होंने अब तक संसद सदस्यता की शपथ नहीं ली है.
- प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ओम बिरला के प्रस्तावक का नाम बुलाएंगे. फिर प्रस्ताव रखने को कहा जाएगा. एक अनुमोदक भी होगा.
- इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में नए लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखेंगे और सभी दलों से उन्हें निर्विरोध सर्वसम्मति से चुनने का आग्रह करेंगे.
- इसके बाद के सुरेश के प्रस्तावक और अनुमोदक का नंबर आएगा.
- अगर सरकार द्वारा किए गए आग्रह को स्वीकार कर विपक्ष की तरफ से के. सुरेश का नाम लोकसभा अध्यक्ष के उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तावित नहीं किया जाएगा तो ओम बिरला निर्विरोध लोकसभा अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे. अगर विपक्ष की तरफ से अपने उम्मीदवार का नाम प्रस्तावित किया जाएगा तो फिर सदन में चुनाव करवाया जाएगा.
- अगर लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर मतदान होता है तो ज्यादा संभावना इस बात की है कि यह मतदान पर्ची से करवाया जाएगा.लोकसभा में शपथ ले चुके नवनिर्वाचित सांसद मतदान के जरिए यह तय करेंगे कि लोकसभा के नए स्पीकर कौन होंगे, ओम बिरला या के. सुरेश.
- फिर वोटों का विभाजन होगा. जिस प्रस्ताव के पक्ष में साधारण बहुमत यानी कि 50 प्रतिशत वोट पड़ेंगे, उसकी जीत होगी.
- सदन में मौजूदा सांसदों में आधे से ज्यादा वोट जिस उम्मीदवार को मिलेंगे, वही स्पीकर चुना जाएगा.
- इसके बाद सदन के नेता यानी पीएम मोदी और विपक्ष के नेता निर्वाचित स्पीकर को आसन तक ले जाने की प्रक्रिया पूरे करेंगे.
- इसी समय प्रोटेम स्पीकर आसन नवनिर्वाचित स्पीकर को सौंप देंगे.
- इसके बाद सभी दलों के प्रमुख नेता चुने गए स्पीकर को भाषण के जरिए बधाई और शुभकामनाएं देंगे.