Wednesday, April 16, 2025

क्या Krutrim दे पाएगा ChatGPT और DeepSeek को टक्कर? ओला ला रहा है देसी AI असिस्टेंट ‘कृति’

भारत की टेक दुनिया में हलचल मचाने को तैयार है ओला का नया देसी AI असिस्टेंट, जिसे जल्द ही “कृति” नाम से लॉन्च किया जा सकता है। बता दें कि 2023 में शुरू हुआ Krutrim AI अब एक बड़े सपने के साथ सामने आ रहा है। जोकि भारतीय भाषाओं, संस्कृति और जरूरतों को समझने वाला ऐसा AI, जो ChatGPT और DeepSeek जैसे दिग्गजों को टक्कर दे सकेगा। ओला के फाउंडर भावेश अग्रवाल ने हाल ही में खुलासा किया कि यह असिस्टेंट अप्रैल 2025 में लॉन्च होने वाला है। कैब बुकिंग से लेकर Ghibli स्टाइल फोटो बनाने तक, यह AI कुछ ऐसा करने का वादा करता है, जो अभी तक किसी ग्लोबल मॉडल में नहीं देखा गया। तो क्या सचमुच कृत्रिम ग्लोबल AI की बादशाहत को चुनौती दे पाएगा? आइए, इसकी खासियतों और संभावनाओं को करीब से देखें।

कब होगा भारत का अपना AI लॉन्च?

भावेश अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस प्रोजेक्ट की झलक दिखाये हुए लिखा कि “कृत्रिम असिस्टेंट तैयार हो रहा है और यह इस महीने लॉन्च होगा। टीम दिन-रात मेहनत कर रही है ताकि इसे ग्लोबल ऐप्स जितना बेहतरीन और भारतीय संदर्भ में उनसे आगे बनाया जा सके।” खास बात यह कि वे इसे “कृति” नाम देने की सोच रहे हैं—एक ऐसा नाम, जो भारतीयता को दर्शाता है।

 

यह सिर्फ एक AI नहीं, बल्कि भारत के लिए बनाया गया एक डिजिटल दोस्त होगा। भावेश का दावा है कि यह न सिर्फ जवाब देगा, बल्कि सोच-विचार कर स्मार्ट सॉल्यूशंस भी पेश करेगा। लॉन्च की तारीख अप्रैल 2025 में किसी भी दिन हो सकती है, और इसके साथ ही नए फीचर्स का ऐलान भी संभव है।

कैब बुकिंग से लेकर स्मार्ट रीजनिंग तक कर सकेगा

कृत्रिम को बाकी AI मॉडल्स से अलग बनाती है इसकी लोकल टच और प्रैक्टिकल अप्रोच। कल्पना करें—आप इससे पूछें, “मुझे ऑफिस जाना है, क्या करूँ?” यह न सिर्फ रास्ता बताएगा, बल्कि आपके लिए ओला कैब भी बुक कर देगा। ChatGPT या DeepSeek जैसे मॉडल्स में यह फीचर नहीं है। साथ ही, इसमें रीजनिंग की खूबी भी होगी। यानी यह जल्दबाजी में जवाब देने के बजाय सवाल को समझेगा, तर्क करेगा और फिर एक सटीक उत्तर देगा। मिसाल के तौर पर, अगर आप कहें, “मुझे दिल्ली में अच्छा स्ट्रीट फूड चाहिए,” तो यह मौसम, लोकेशन और आपकी पसंद को ध्यान में रखकर सुझाव देगा। यह भारतीय यूजर्स के लिए गेम-चेंजर हो सकता है।

Ghibli स्टाइल फोटो जैसे फीचर भी होंगे शामिल

कृत्रिम का एक और रोमांचक पहलू है इसकी क्रिएटिव क्षमता। यह Ghibli स्टाइल में फोटो बना सकता है–वह जापानी एनीमेशन स्टाइल, जो खूबसूरत और ड्रीमी विजुअल्स के लिए मशहूर है। मान लीजिए, आप अपनी सेल्फी को एनीमे स्टाइल में बदलना चाहते हैं। कृत्रिम बस एक कमांड पर यह कर देगा। यह फीचर न सिर्फ युवाओं को लुभाएगा, बल्कि कंटेंट क्रिएटर्स के लिए भी नया मौका खोलेगा। ChatGPT जैसे मॉडल्स टेक्स्ट तक सीमित हैं, लेकिन कृत्रिम की यह खूबी इसे मल्टीमॉडल AI की दौड़ में आगे ले जा सकती है।

और क्या रहेंगे अन्य फीचर?

फिलहाल कृत्रिम Ola ऐप में मौजूद है और DeepSeek R1 की मदद से सवालों के जवाब दे रहा है। हालाँकि, कैब बुकिंग फीचर अभी सक्रिय नहीं हुआ है। लॉन्च के बाद इसके नए वर्जन (V2) में कई अपडेट्स आने की उम्मीद है। भावेश ने “DeepSearch” फीचर की तारीफ की है, जो डेटा को गहराई से खंगालकर सटीक जवाब देता है। साथ ही, यह 10 से ज्यादा भारतीय भाषाओं में काम करता है और जल्द ही 22 भाषाओं को सपोर्ट करेगा। लेकिन सवाल यह है—क्या यह ChatGPT की रफ्तार और DeepSeek की सटीकता को पीछे छोड़ पाएगा? अभी इसके जवाबों में कुछ कमियाँ हैं, जिन्हें टीम ठीक करने में जुटी है।

क्या Chatgpt जैसे AI टेक से टक्कर ले पायेगा?

ChatGPT और DeepSeek जैसे मॉडल्स सालों से डेटा और तकनीक के दम पर दुनिया में छाए हुए हैं। कृत्रिम के पास भारतीय डेटा का सबसे बड़ा स्टॉक (2 ट्रिलियन टोकन) है, जो इसे लोकल कंटेक्स्ट में मजबूत बनाता है। लेकिन ग्लोबल स्केल पर टक्कर के लिए इसे रिस्पॉन्स टाइम, सटीकता और स्केलेबिलिटी में बराबरी करनी होगी। भावेश का विजन साफ है—वह भारत को AI का सुपरपावर बनाना चाहते हैं। अगर कृत्रिम अपनी कैब बुकिंग, लोकल इंटीग्रेशन और क्रिएटिव फीचर्स को सही से लागू कर पाया, तो यह न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया में भी अपनी जगह बना सकता है। अप्रैल का इंतजार अब ज्यादा दूर नहीं—क्या कृति सचमुच AI की दुनिया में क्रांति लाएगी? वक्त ही बताएगा।

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