सिद्धार्थनगर: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में सियासी उथल-पुथल मची हुई है. समाजवादी पार्टी कुनबे में घमासान छिड़ा हुआ है वहीं बीजेपी की परेशानी उसके सहयोगी ही बढ़ा रहे हैं. बीजेपी पिछड़ों की लामबंदी के लिए जाति आधारित सम्मेलन कर कर रही है लेकिन उसके सहयोगी इन कोशिशों पर पलीता लगा रहे हैं.
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और यूपी में बीजेपी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एक बार फिर अपने बयान से योगी सरकार के इकबाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं. राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सीधे चुनौती देते हुए कहा है कि हिम्मत है तो उन्हें मंत्री पद से हटाकर दिखाएं. सिद्धार्थनगर की एक जनसभा में राजभर ने कहा कि कुछ लोगों को मेरा सत्ता में आना रास नहीं आ रहा है. ऐसे लोग लगातार कहते फिर रहे हैं कि मुझे हटा देंगे. मैं कहता हूं कि कोई बात नहीं अगर आपमें हिम्मत है तो हटा दें.
बीजेपी पर हमलावर दिखे राजभर
जनसभा में राजभर योगी सरकार और बीजेपी पर भी हमलावर दिखे. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनकी जाति के लोगों को बढ़ने नहीं देना चाहती. वह चाहती है कि इस जाति के लोग सिर्फ मुर्गा और दारू के नाम पर उन्हें वोट देते रहें. खास बात ये रही कि इस जनसभा में मौजूदा बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल भी मौजूद थे, जिनका टिकट कटने की चर्चा है.
बीजेपी पर क्यों हमलावर हैं राजभर ?
ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी से गठबंधन तो किया है लेकिन उन्हें अपना वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है. राजभर को डर है कि पिछड़ों को एकजुट करने की कोशिश कर रही बीजेपी कहीं उनके राजभर वोटबैंक में सेंध ना लगा दे. योगी सरकार में उनके सजातीय मंत्री को मिल रही अहमियत से भी वो सशंकित हैं. शायद इसीलिए वो हर जनसभा में खुद को राजभर समाज का असली हितैषी होने का दावा करते रहते हैं.