विपक्ष के आरोपों पर ओम विरला ने तोड़ी चुप्पी ,बोले- तथ्यों की सत्यता जाने बिना ना लगाएं आरोप

संसद भवन प्रांगण में धरने और विरोध प्रदर्शन को लेकर संसदीय बुलेटिन पर राजनीतिक विवाद के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने शुक्रवार  यानी आज बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक पार्टियों को पहले तथ्यों सत्यता जांच लेनी चाहिए। इसके बाद ही उन्हें आरोप लगाने चाहिए। ओम विरला ने राजनीतिक दलों से बिना जांच के आरोप लगाने से बचने की अपील की। इस दौरान उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस तरह के सर्कुलर कई वर्षों से जारी किए जा रहे हैं।

आपको बता दें कि एक राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया था कि “सदस्य किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास, या किसी धार्मिक समारोह को करने के उद्देश्य से संसद भवन के परिसर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।” राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी इस सर्कुलर की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने आपत्ति की थी और कुछ आरोप भी लगाए थे।
राजनीतिक दलों के इन्हीं आरोपों को लेकर लोकसभा स्पीकर  ने सभी राजनीतिक पार्टियों  से अपील की है कि वे बिना तथ्यों जांच किए लोकसभा और राज्यसभा में किसी भी मुद्दे पर ना तो राजनीतिक आरोप लगाएं और ना ही आरोपों का प्रतिउत्तर दें।उन्होंने कहा कि यह (सदस्यों के लिए इस तरह के परिपत्र) एक प्रक्रिया है और यह प्रक्रिया साल 2009 से चल रही है।

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