दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट के निर्देशों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी बुधवार को तिहाड़ जेल पहुंचे। जहां उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम से लगभग आधे घंटे तक पूछताछ की। विशेष अदालत ने मंगलवार को ईडी के तीन अधिकारियों को आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम से पूछताछ की इजाजत दी है। पूर्व मंत्री के बेटे कार्ति और पत्नी नलिनी चिदंबरम भी तिहाड़ पहुंचे थे। गौरतलब है कि चिदंबरम सीबीआई द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 17 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। 21 अगस्त को गिरफ्तारी से लेकर अबतक चिदंबरम हिरासत में 55 दिन काट चुके हैं।
Delhi: Enforcement Directorate (ED) officials leave from Tihar Jail after interrogating Congress leader P Chidambaram. Yesterday, a special court had allowed 3 ED officials to interrogate P Chidambaram in INX media money laundering case. Currently, he is in judicial custody. pic.twitter.com/cKRI8QgOdc
— ANI (@ANI) October 16, 2019
कोर्ट ने मंगलवार को ईडी को निर्देश दिया था कि अगर जरूरी हुआ तो एजेंसी पूछताछ के बाद चिदंबरम को गिरफ्तार कर सकती है। इसी बीच, चिदंबरम ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर जमानत देने की मांग की है। बुधवार सुबह चिदंबरम की पत्नी नलिनी और बेटे कार्ति भी तिहाड़ जेल परिसर पहुंचते देखे गए। कांग्रेस नेता करीब 55 दिन सीबीआई और न्यायिक हिरासत में बिता चुके हैं। 21 अगस्त को उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने मंगलवार को ईडी की याचिका पर उसे सुबह 8.30 बजे के बाद आधे घंटे के लिए चिदंबरम से पूछताछ की अनुमति देते हुए कहा कि, एजेंसी पहले पूछताछ करे और जरूरी हो तो उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। गिरफ्तार करने से पहले उसे इसका आधार बताना होगा। इससे पहले ईडी ने कोर्ट में ही चिदंबरम से पूछताछ करने और गिरफ्तारी की मांग की थी। जिसपर चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह तरीका सही नहीं है। एक व्यक्ति की गरिमा का ध्यान रखा जाना चाहिए। लिहाजा एजेंसी को जेल में उनसे पूछताछ करनी चाहिए। कोर्ट ने सिब्बल की दलील को स्वीकार करते हुए जेल में पूछताछ की इजाजत दे दी थी।
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर कहा कि सीबीआई उन्हें जेल में रखकर अपमानित करना चाहती है। जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री या उनके परिवार पर मामले में किसी भी गवाह से संपर्क करने या उसे प्रभावित करने का कोई आरोप नहीं है। इसके अलावा वित्तीय घाटे या फंड की हेराफेरी का भी कोई आरोप नहीं है। सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनेगा। वहीं, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर जमानत याचिका का विरोध किया है। जांच एजेंसी ने कहा कि जमानत देना शीर्ष अदालत की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के खिलाफ और भ्रष्टाचार के मामलों में ‘गलत मिसाल’ स्थापित करने वाला होगा।