लखनऊ :योगी आदित्यनाथ सरकार ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को किसानों के लिए उनकी फर्जी चिंता को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि उनका उद्देश्य राजनीतिक फायदा उठाना है। उत्तर प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मालूम होना चाहिए कि मृतक किसानों के परिवारों के लिए 25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पूर्व सिर्फ एक नौटंकी है।
सिंह ने कहा, सपा सुप्रीमो जो अपने पूरे 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान किसानों के बजाय परिवार पर ध्यान केंद्रित करते थे, अचानक से किसानों का सम्मान करने लगे हैं। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था कि अगर वह सरकार में आते हैं तो मृतक किसानों के परिवारों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देंगे। मंत्री ने कहा, निश्चित रूप से किसान ही नहीं, हर व्यक्ति का जीवन अनमोल है, परन्तु समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष को यह भी साफ करना चाहिए कि क्या निर्दोष कारसेवकों के जीवन का कोई मूल्य नहीं था? क्या उनके परिवारों को मुआवजा नहीं मिलना चाहिए?
सपा अध्यक्ष के पास वोट बैंक की राजनीति और तुष्टीकरण के रूप में उत्तर देना ही सपा की पहचान है। उन्होंने समाजवादी पार्टी प्रमुख से उनके पिता मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल के दौरान 1990 में हुए कारसेवक नरसंहार पर प्रश्न उठाया, जिसमें राम मंदिर के निर्माण की मांग करते हुए कई लोगों की मृत्यु हो गयी थी। उन्होंने कहा, जो लोग चुनाव के दौरान जीवन के महत्व के बारे में बात कर रहे हैं, उन्होंने राम भक्तों पर गोलीबारी का आदेश दिया है। इन कारसेवकों में सबसे बड़ी तादाद गांव-गिरावों के किसान थे, जो भगवान राम के उपासक थे। सरकार के प्रवक्ता ने आगे कहा कि किसान समाजवादी पार्टी और उसके नेता के लिए वोट बैंक हो सकते हैं, परन्तु BJP सरकार और पार्टी के लिए, वे हमेशा अन्नदाता थे और रहेंगे।
उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान जब अखिलेश और उनके जैसे कई अन्य नेताओं को सेल्फ क्वारंटाइन किया गया था, तब सरकार और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता किसानों की सेवा में लगे हुए थे। उन्होंने किसानों को मुआवजा देने की बात करते हुए कहा कि सीएम प्रदेश में किसी भी आपदा के कारण किसी भी व्यक्ति की मौत पर पूर्ण और त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।