भारत सोमवार को अपने नागरिकों समेत 70 से ज्यादा लोगों को वायु सेना के एक विमान से काबुल से तजाकिस्तान में दुशांबे ले गया. सूत्रों ने बताया कि एक और विमान से जल्द ही इतने ही लोगों को निकाला जाएगा.
इसके अलावा, अफगानिस्तान से निकाले गए 146 भारतीय नागरिक कतर की राजधानी से चार अलग-अलग विमानों के जरिये सोमवार को भारत पहुंचे. इन नागरिकों को अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विमान के जरिए पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाया गया था.
मामले से संबंधित जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में 16 अगस्त से करीब 730 लोगों को दिल्ली लाया जा चुका है. सूत्रों ने बताया कि काबुल से निकाले गए लोगों को दुशांबे ले जाया गया जहां से उन्हें नागरिक विमान से मंगलवार को दिल्ली लाया जाएगा.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से भारत ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी है. सूत्रों ने बताया कि दोहा से वापस लाए गए 146 भारतीयों में से अधिकतर पश्चिमी देशों की कंपनियों और संगठनों के कर्मचारी थे जो अफगानिस्तान में काम कर रहे थे.
इससे पहले, रविवार को दोहा से एक विशेष विमान के जरिये 135 भारतीय दिल्ली पहुंचे थे. दोहा से स्वदेश लौटे भारतीयों के दूसरे जत्थे में से 104 लोगों को ‘विस्तारा’ की उड़ान से, 30 को ‘कतर एयरवेज़’ और 11 को ‘इंडिगो’ की उड़ान से वापस लाया गया. एक व्यक्ति ‘एअर इंडिया’ की उड़ान से भी लौटा.
अफगानिस्तान की राजधानी से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के अपने प्रयासों के तहत भारत तीन उड़ानों के जरिए दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस लाया था.
अमेरिकी सैनिकों की स्वदेश वापसी की पृष्ठभूमि में तालिबान ने अफगानिस्तान में इस महीने तेजी से अपने पांव पसारते हुए राजधानी काबुल समेत वहां के अधिकतर इलाकों पर कब्जा जमा लिया है.
तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के दो दिनों के भीतर, भारत ने 200 लोगों को निकाला, जिसमें भारतीय दूत और अफगानिस्तान की राजधानी में दूतावास के अन्य कर्मचारी शामिल थे. पहली उड़ान के जरिए 16 अगस्त को 40 से अधिक लोगों को वापस लाया गया था, जिनमें ज्यादातर भारतीय दूतावास के कर्मचारी थे.