Saturday, May 17, 2025

दुनिया भर में पाक का पर्दाफाश करेंगे PM मोदी के ये 7 सिपहसालार, जानिए किस देश जायेंगे कौन से MP?

देश की एकता की नई मिसाल पेश करते हुए केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक अभूतपूर्व पहल की है। दरअसल सत्ता और विपक्ष के सांसदों की 7 टीमें अब विदेशों में जाकर भारत का वो संदेश देंगी जो सेना ने सीमा पार जाकर दिया था किआतंकवाद अब बर्दाश्त नहीं! शशि थरूर से लेकर रवि शंकर प्रसाद तक, कनिमोझी से लेकर सुप्रिया सुले तक, ये सभी नेता अब भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का झंडा दुनिया भर में लहराएंगे। आखिर क्यों जरूरी है यह अभियान? और कैसे यह टीमें पाकिस्तान की छद्म नीतियों को वैश्विक मंच पर बेनकाब करेंगी? जानिए पूरी कहानी इस रिपोर्ट में…

राजनीति से ऊपर उठ सभी दलों ने दिखाई एकजुटता

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से बात की, तो विपक्ष ने भी इस मिशन में पूरा सहयोग दिया। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई समेत अपने चार सांसदों को इस अभियान के लिए नामित किया। यह वह दुर्लभ मौका है जब भारतीय राजनीति का हर रंग आतंकवाद के खिलाफ एक सुर में बोलने को तैयार है। संसदीय कार्य मंत्रालय ने इसे “राष्ट्रीय एकता का शक्तिशाली प्रदर्शन” बताया है।

कौन सा सांसद कहां जायेगा?

UNSC के सदस्य देशों से लेकर यूरोपीय संघ तक, भारत के ये प्रतिनिधिमंडल दुनिया के हर प्रमुख मंच पर भारत का पक्ष रखेंगे। शशि थरूर जैसे दिग्गज कूटनीतिज्ञ और रवि शंकर प्रसाद जैसे अनुभवी नेता अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की सुरक्षा चिंताओं से अवगत कराएंगे। डीएमके के कनिमोझी और एनसीपी की सुप्रिया सुले जैसे नेता इस बात का प्रमाण हैं कि दक्षिण से लेकर पश्चिम तक, पूरा भारत इस मुद्दे पर एकजुट है।

PAK को बेनकाब करना क्यों जरूरी है?

ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया कि भारत अब सीमा पार जाकर भी आतंकवादियों को मार सकता है। लेकिन अब वक्त है वैश्विक दबाव बनाने का। ये सांसदीय टीमें पाकिस्तान की उस चाल को उजागर करेंगी जिसमें वह आतंकवादियों को पनाह देकर फिर “हम निर्दोष हैं” का राग अलापता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाना जरूरी है कि भारत की धैर्य की सीमा अब समाप्त हो चुकी है।

भारत को क्या मिलेगा इस अभियान से?

जब अमेरिका और यूरोपीय देश भारत के इस एकजुट प्रयास को देखेंगे, तो पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना और मुश्किल हो जाएगा। यह अभियान न सिर्फ भारत की सुरक्षा नीतियों को वैश्विक मान्यता दिलाएगा, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक गठबंधन को भी मजबूत करेगा। इसको लेकर किरेन रिजिजू के शब्दों में कहा कि यह हमारी साझा संस्कृति और सुरक्षा हितों की रक्षा का प्रश्न है।

नए भारत का क्या संदेश लेकर जायेंगे MP?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह राजनयिक अभियान भारत के नए रुख को दर्शाता है कि जहां बातचीत और कार्रवाई दोनों साथ-साथ चलेंगी। जिस तरह सेना ने सीमा पार जाकर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया, उसी तरह ये सांसद वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखेंगे। यह अभियान न सिर्फ पाकिस्तान के लिए चेतावनी है, बल्कि पूरी दुनिया को भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति का संदेश भी है कि आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं!

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles