उड़ीसा: चक्रवात यास के बीच नहीं रुकी ऑक्सीजन की सप्लाई

Cyclone Yass के बीच भी नहीं रुकी ऑक्सीजन की सप्लाई, ओडिशा ने ऐसे कर दिखाया ये कमाल

भुवनेश्वर: उड़ीसा में चक्रवात यास (Cyclone Yaas) कोविड काल में दूसरा बड़ा तूफान है लेकिन इसके चलते 2020 या फिर 2021 दोनों में से किसी भी वर्षों में समानता नहीं रही है. इस वर्ष हालांकि उड़ीसा ने एक नया इतिहास रच दिया है उड़ीसा सरकार ने पिछले कुछ महीनों में लगातार 18 राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई की है और चक्रवात यास के कारण भी इस सप्लाई पर रोक नहीं लगी इसका कारण था सरकार की बेहतरीन प्लानिंग और उसे जमीनी स्तर पर लागू करने की पूरी कोशिश. 

उड़ीसा में कई ऑक्सीजन प्लांट हैं खासतौर से वह जो औद्योगिक स्तर पर काम कर रहे हैं और इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में तब्दील करके जगह-जगह पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

सरकार को यह पता था कि चक्रवात की वजह से अगर तबाही हुई तो उसके कारण ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा हो सकती है लेकिन इस दौरान कोविड-19 अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की सप्लाई ना रुके यह भी सरकार ने ध्यान में रखा.

इसके लिए सरकार ने अपने 3 प्वाइंट फार्मूला का इस्तेमाल किया पहला प्रोडक्शन, दूसरा ट्रांसपोर्टेशन और तीसरा स्टोरेज एंड सप्लाई. इस तीन नंबर फार्मूले की वजह से सरकार को कहीं भी रुकने की जरूरत नहीं पड़ी और ना ही ऑक्सीजन की सप्लाई में कोई कमी आई.

उड़ीसा के आसपास के राज्यों को तो पहले ही ऑक्सीजन सप्लाई हो गई थी लेकिन खुद उड़ीसा में भी इंटर डिस्टिक सप्लाई नहीं रुकी. भद्रक, बालासर, जाजपुर जैसे जिलों में कोविड-19 अस्पतालों में खास व्यवस्था की गई और ऑक्सीजन के स्टोरेज को 3 दिन पहले ही दुगना कर दिया गया.

के सुदर्शन चक्रवर्ती, डीएम बालासोर ने बताया कि चक्रवात आने से पहले हमारे पास स्टोरेज कैपेसिटी थी करीब 32000 लीटर, ऑक्सीजन हमारे पास तो थी हमने अल्टरनेट जनरेटर की व्यवस्था की और उसके साथ निरंतर पावर सप्लाई रखने का भी ध्यान रखा. हमने स्टाफ को भी दो दिन उन्हीं प्लांट में रखा जहां पर काम हो रहा है. तीन शिफ्ट कैंसिल करके 2 दिन 24 घंटे सबको वही रखा गया कंटीन्जेसी प्लान यह था कि अगर 100 किलोमीटर से तेज की रफ्तार हुई और जो भी नुकसान होगा उसके लिए हमने रिपेयरिंग मेटीरियल और उन टेक्नीशियन को भी वहां तैनात रखा जो इसमें जल्द से जल्द सुधार और रिपेयर कर सकें.

उड़ीसा सरकार 1 दिन में अप्रैल के महीने में 100 टन ऑक्सीजन की पैदावार कर रही थी जो अब बढ़कर साढ़े 400 टन प्रतिदिन हो चुकी है. लिक्विड ऑक्सीजन को स्टोरेज में हजार टन से ज्यादा की कैपेसिटी में रखा गया है और राज्य सरकार 500 टन का निर्यात हर रोज कर रही है देश के 14 राज्यों को. चक्रवात भी इस सप्लाई को नहीं रोक पाया.

Previous articleप्रिंसिपल ने कॉर्पोरेट घरानों से दान में लिए 40 लाख रुपये, 200 छात्रों की भरी जाएगी फीस
Next articleखुफिया ब्यूरो निदेशक और रिसर्च एनालिसिस विंग के सचिव का कार्यकाल बढ़ा, सरकार ने इसलिए लिया ये फैसला