इस्लामाबाद: पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. सूत्रों ने दावा किया है कि राजधानी इस्लामाबाद और इससे सटे रावलपिंडी में आतंकी संगठनों के मदरसों और मस्जिदों को सरकार ने कब्जे में ले लिया है और स्थानीय उपायुक्तों की निगरानी में दे दिया है. इसके अलावा आतंकवाद विरोधी कानून 1997 के आधार पर हाफिज सईद के आतंकी संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत पर पाकिस्तान ने प्रतिबंध लगा दिया है. दोनों संगठनों की सभी चल और अचल संपत्ति भी जब्त कर ली गई है.
इससे पहले चार मार्च को पाकिस्तान सरकार ने हाफिज के संगठनों को निगरानी सूची में रखा था. जिसपर भारत ने कड़ा ऐतराज जताते हुए इनपर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
बता दें, जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद दुनिया के खूंखार आतंकियों में से एक है. वह भारत और अमेरिका सहित कई देशों में मोस्ट वांटेड है. पाकिस्तान में पंजाब के सरगोधा में पैदा हुआ हाफिज लश्कर-ए-तैयबा का भी चीफ है. जमात-उद-दावा कुछ और नहीं बल्कि लश्कर-ए-तैयबा का ही मुखौटा संगठन है.
जमात-उद-दावा की आर्थिक गतिविधियों का संचालन फलाह-ए-इंसानियत नाम का संगठन करता है. इसी संगठन के चलते जमात-उद-दावा अपने लिए फंड इकट्ठा करता है. पूरे पाकिस्तान में इस संगठन और इसके सहयोगियों का तगड़ा नेटवर्क है.
गौरतलब है कि हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा पर 2002 में संयुक्त राष्ट्र के निर्देश पर पाकिस्तान ने प्रतिबंध लगाया था. 2008 में मुंबई पर आतंकी हमले के बाद भारत के दबाव पर गिरफ्तार कर नजरबंद किया था, लेकिन सबूत कोर्ट में पेश न करने पर हाफिज को रिहा कर दिया गया था.