पाकिस्तान से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. खबर है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के नेता शाह महमूद कुरैशी को अदालत ने एक मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया.
रावलपिंडी में स्पेशल कोर्ट के जज ने मंगलवार को अदियाला जेल में इमरान खान और महमूद कुरैशी को सिफर मामले में सजा सुनाई है. जज जुल्करनैन ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपियों की ओर से वकील नहीं पेश हुए इसलिए उन्हें सरकारी वकील दिए गए.
अप्रैल 2022 में सरकार गिरने के बाद इमरान खान ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी सरकार को गिराने में उस पाक आर्मी के चीफ और अमेरिका ने मिलकर साजिश रची थी. इसकी जानकारी उन्हें उस वक्त के अमेरिका में मौजूद पाकिस्तानी ऐंबैस्डर असद मजीद खान ने दी थी. असद मजीद खान ने इमरान खान को सीक्रेट लेटर में ये सूचना दी थी. इसी को कूटनीतिक भाषा में साइफर कहा जाता है. इसी मामले में इमरान खान को सजा सुनाई गई है.
अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट यानी फॉरेन मिनिस्ट्री की ओर से साइफर (सीक्रेट लेटर) पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री को भेजा गया था. इस गप्त लेटर को पूर्व पीएम इमरान खान अपनी कई राजनीतिक रैलियों में दिखाकर जनता के सामने पाक आर्मी चीफ पर निशाना साधा था. वो दावा कर चुके हैं कि उनकी सरकार को अमेरिका के कहने पर गिराया गया था. कानूनी रूप से इमरान को साइफर को सार्वजनिक रूप से दिखाने या इसके बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है. नेशनल सीक्रेट होने के नाते इसे सार्वजनिक जगह पर नहीं दिखाया जा सकता लेकिन इमरान खान ने इसे सार्वजनिक रूप से दिखाया. इसी संबंध में उन पर केस चला.
साइफर को लहराने के अलावा एक एक ऑडियो टेप भी वायरल हुआ था. वायरल ऑडियो में पाकिस्तान के उस वक्त के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और चीफ सेक्रेटरी आजम खान ने बोलते सुने गए थे कि वो साइफर का इस्तेमाल रैलियों में करेंगे. जांच में पाया गया कि ऑडियो सेफ से छेड़छाड़ नहीं की गई है.
बीते साल 5 अगस्त को पूर्व पीएम इमरान खान को तोषाखाना मामले में भी निचली अदालत ने 3 साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने 5 साल कर दी थी.