पाकिस्तान एक बार फिर भारत के सामने हाथ फैलाने को मजबूर, जानिए क्या है वजह

पाकिस्तान

नई दिल्ली: पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण बने हुए है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से ‘मोस्ट-फेवर्ड नैशन’ का दर्जा वापस ले लिया था। वहीं अब देखें तो दोनों देशों के मध्य व्यापारिक रिश्ते भी बिल्कुल ना के बराबर है। लेकिन अब पाकिस्तान को भारत की चाय ही पीनी पड़ सकती है, क्योंकि चार के बड़े उत्पादक देश केन्या में इस साल सूखा पड़ने की वजह से उत्पादन घट गया है। ऐसे में केन्या से चाय मंगाना पाकिस्तान के लिए बेहद महंगा होगा। इसीलिए एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि पाकिस्तान भारत से चाय खरीदने के लिए बातचीत को आगे बढ़ा सकता है।

आपको बता दें कि पिछले वर्ष पाकिस्तान को लगभग 1.58 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया गया था। लेकिन मौजूदा समय में पाकिस्तान के ऊपर 200 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है। इसके बावजूद पाकिस्तान के लिए भारत के चाय सस्ती पड़ेगी। लिहाजा भारत चाय का निर्यात 2019 में बढ़कर 2-2.5 करोड़ किलोग्राम हो सकता है।

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पाकिस्तान में 2007 से 2016 के बीच प्रति व्यक्ति चाय की खपत लगभग 36 पर्सेंट बढ़ी है। यूनाइटेड नेशंस के फूड ऐंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (FAO) के अनुसार, पाकिस्तान में 2027 तक चाय की खपत बढ़कर 2,50,800 टन तक पहुंच सकती है। अभी यह आंकड़ा 1,72,911 टन का है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से ‘मोस्ट-फेवर्ड नैशन’ का दर्जा वापस ले लिया था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन ने ली थी। ITA के चेयरमैन विवेक गोयनका ने कहा कि देश की टी इंडस्ट्री एक्सपोर्ट के लिए नए मार्केट्स में जाने की कोशिश कर रही है।

भारतीय चाय के लिए रूस एक बड़ा मार्केट है. 2018 में रूस ने भारत से लगभग 4.5 करोड़ किलोग्राम चाय खरीदी थी। ईरान का आयात 3.6 करोड़ किलोग्राम और इजिप्ट का करीब 1.13 करोड़ किलोग्राम था। भारतीय चाय निर्यातक अब इराक में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। एग्जिक्युटिव्स ने कहा कि अगर भारत से चाय का आयात करने वाले देश खरीदारी बढ़ाते हैं तो भारत का चाय निर्यात 2020 तक बढ़कर 30 करोड़ किलोग्राम हो सकता है।

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