नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) से जुड़ी एक बड़ी और अहम खबर सामने आई है। ताजा जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान संसदीय पैनल ने कुलभूषण जाधव की सजा की समीक्षा से जुड़े बिल को मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करते हुए कुलभूषण जाधव की मौत की सजा की समीक्षा की जाएगी जिससे जुड़े बिल को पाक सरकार ने मंजूरी दी है।
वकीलों ने केस लड़ने से कर दिया था इनकार
बता दें कि इससे पहले कुलभूषण जाधव मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट की ओर से तय किए गए बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट में पेश होने से मना कर दिया था। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने दो वरिष्ठ वकील- आबिद हसन मिंटो और मखदूम अली खान को बचाव पक्ष का वकील नियुक्त करने को कहा था। लेकिन आश्चर्य की बात है कि दोनों ही वकीलों ने कुलभूषण जाधव का केस लड़ने से मना कर दिया था।
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हालांकि इसके बाद वकील आबिद हसन मिंटो ने अपने बचाव में कहा है कि वो रिटायर हो चुके हैं और लंबे समय से काम से जुड़े हुए नहीं हैं। वहीं मखदूम अली खान ने कुछ जरूरी काम का हवाला देते हुए केस से हाथ खीचना ठीक समझा था। उल्लेखनीय है कि भारत ने पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के मामले में निष्पक्ष सुनवाई के लिए क्वींस काउंसल या बाहर के वकील की मांग की थी।
पाक ने बाहरी वकील की मांग को बताया अवास्तविक
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने कहा कि भारत लगातार बाहरी वकील की मांग कर रहा है जो कि पूरी तरह से अवास्तविक है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय चलन के मुताबिक हमारी अदालतों में उन वकीलों को ही पेश होने और पैरवी करने की अनुमति है, जिनके पास यहां प्रैक्टिस का लाइसेंस है।